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 जिंदगी की जंग हार चुकी महिला प्रत्याशी मंजू सिंह बनीं प्रधान, बंपर वोटों से दर्ज की जीत


कालाकांकर की निवर्तमान प्रधान मंजू सिंह पहली बार साल 2000 मे निर्विरोध ग्राम प्रधान चुनी गयी थीं. 2015 में वो फिर से अपने गांव से निर्विरोध ग्राम प्रधान निर्वाचित हुईं. मंजू देवी ये नहीं जानती थीं कि चुनावी जंग जीतते जीतते वो खुद की ज़िंदगी की जंग हार जाएंगी.

प्रतापगढ़: प्रतापगढ़ में पंचायत चुनाव के रिजल्ट बड़ी तेज़ी से आ रहे हैं. प्रधानी के चुनाव में किसी प्रत्याशी को जीत, तो किसी को हार का सामना करते हुए निराश होना पड़ रहा है. इसी बीच पंचायत चुनाव के मतगणना के दौरान कई रोचक मामले भी प्रकाश में आये हैं. पंचायत चुनाव में एक मृतक प्रत्याशी ने जीत का परचम लहरा दिया तो मतगणना स्थल पर हड़कम्प मच गया. कालाकांकर ग्राम पंचायत की निवर्तमान प्रधान मंजू सिंह की पंचायत चुनाव की वोटिंग के बाद तबीयत बिगड़ गयी. 19 अप्रैल को दूसरे चरण में हुए मतदान के बाद बीमारी से प्रधान प्रत्याशी मंजू सिंह की मौत हो गयी.

मतगणना के बाद जब आज परिणाम आया तो उनको विजयी घोषित किया गया. 2021 के पंचायत चुनाव में मंजू सिंह के सामने उनके परिवार के ऐश्वर्य प्रताप सिंह चुनावी मैदान में थे. रविवार को हुई मतगणना के बाद मृतक मंजू सिंह को 451 वोट पाकर विजयी घोषित किया गया. जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी ऐश्वर्य प्रताप को 303 वोट मिले. इस प्रकार मृतक मंजू जिंदगी से जंग हारने के बाद भी प्रधानी की जंग जीत ली. जबकि तीन दिन पहले बीमारी के लड़ते हुए उनकी इलाज के दौरान मौत हो गयी.

मंजू सिंह पहली बार साल 2000 मे निर्विरोध ग्राम प्रधान चुनी गयी थीं

कालाकांकर की निवर्तमान प्रधान मंजू सिंह पहली बार साल 2000 मे निर्विरोध ग्राम प्रधान चुनी गयी थीं. 2005 में ग्राम पंचायत की सीट आरक्षित होने पर उन्होंने अपने समर्थित प्रत्याशी राम लखन सरोज को जीत दिलाई. 2010 में मंजू के हाथ मे ग्राम प्रधान की सत्ता पुनः चली गयी. 2015 में मंजू सिंह फिर से अपने गांव से निर्विरोध ग्राम प्रधान निर्वाचित हुई. मंजू देवी ये नहीं जानती थीं कि चुनावी जंग जीतते जीतते वो खुद की ज़िंदगी की जंग हार जाएंगी.