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जिनके अपने होश ठिकाने नहीं वो यूपी और काशी के बच्चों को नशेड़ी कह रहे’, राहुल के बयान पर PM मोदी का पलटवार


 वाराणसी। पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को वाराणसी में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। कार्यक्रम को संबोधि‍त करते हुए पीएम ने कहा, “आप सभी इतनी बड़ी संख्या में आए हैं, हमें आशीर्वाद दे रहे हैं ये दृश्य हमें गदगद कर देता है। आप लोगों के परिश्रम से आज काशी को नित्य नूतन बनाने का अभियान लगातार जारी है। आज भी यहां 13 हजार करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया गया है। ये प्रोजेक्ट्स काशी के साथ-साथ पूर्वांचल के, पूर्वी भारत के विकास को गति देंगे।”

 

पीएम मोदी ने कहा,मोदी की गारंटी है- हर लाभार्थी को शत-प्रतिशत लाभ। मोदी लाभार्थियों के सैचुरेशन की गारंटी दे रहा है, तो यूपी ने भी सारी सीटें मोदी को देने का निर्णय किया है। यानी इस बार यूपी शत-प्रतिशत सीटें एनडीए के नाम करने वाला है। ये अपने परिवार और वोटबैंक से बाहर देख नहीं सकते, सोच नहीं सकते। तभी तो हर चुनाव के दौरान साथ आते हैं और जब परिणाम ‘निल बटे सन्नाटा’ आता है तो ये एक-दूसरे को गाली देते हुए अलग हो जाते हैं।

इस बार तो इनको जमानत बचाने के लिए ही बहुत संघर्ष करना पड़ेगा। आजकल तो इनके गुस्से का, इनकी बौखलाहट का एक और भी कारण है। इनको काशी और अयोध्या का नया स्वरूप बिल्कुल पसंद नहीं आ रहा।

ये अपने भाषणों में राम मंदिर को लेकर कैसी-कैसी बातें करते हैं।

मैं ये नहीं जानता था कि कांग्रेस को प्रभु श्रीराम से इतनी नफरत है। मोदी को गाली देते-देते तो इन्होंने 2 दशक बिता दिए और अब ईश्वर रूपी जनता-जनार्दन पर, यूपी के नौजवानों पर ही ये लोग अपनी Frustration निकाल रहे हैं।

अरे घोर परिवारवादियों… काशी का, यूपी का नौजवान तो विकसित यूपी बनाने में जुटा है, अपना समृद्ध भविष्य लिखने के लिए परिश्रम की पराकाष्ठा कर रहा है। कांग्रेस के युवराज का कहना है कि काशी के नौजवान, यूपी के नौजवान नशेड़ी हैं।

जिनके अपने होश ठिकाने नहीं हैं, वो यूपी के, मेरी काशी के बच्चों को नशेड़ी कह रहे हैं।6 दशक के परिवारवाद, भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण ने यूपी को विकास में पीछे रखा।

पहले की सरकारों ने यूपी को बीमारू राज्य बनाया, यहां के नौजवानों से उनका भविष्य छीना। दो दिन पहले ही सरकार ने गन्ने के न्यूनतम मूल्य को बढ़ाकर 340 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया है।

आप वह समय भी याद कीजिए, जब गन्ने के भुगतान के लिए पहले की सरकार कितना मिन्नत करवाती थी।

लेकिन अब किसानों के बकाये का भुगतान तो हो ही रहा है, फसलों के दाम भी बढ़ाए जा रहे हैं। ये बनास काशी संकुल रोजगार के भी हजारों नए अवसर बनाएगा।

एक अनुमान है कि इस संकुल से पूरे इलाके में 3 लाख से ज्यादा किसानों की आय बढ़ेगी।

काशी तो कचरे से कंचन बनाने के मामले में भी एक मॉडल के रूप में देश में सामने आ रही है।

आज ऐसे एक और प्लांट का लोकार्पण यहां हुआ है। ये प्लांट प्रतिदिन शहर से निकलने वाले 600 टन कचरे को 200 टन चारकोल में बदलेगा।बनास डेयरी प्लांट का शिलान्यास मैंने 2 वर्ष पहले किया था। तब मैंने वाराणसी सहित पूर्वांचल के तमाम पशुपालकों, गोपालकों को इस प्रोजेक्ट को तेजी से पूरा करने की गारंटी दी थी। आज मोदी की गारंटी आपके सामने है।

इसलिए तो लोग कहते हैं- मोदी की गारंटी यानी गारंटी पूरा होने की गारंटी।संवाद के दौरान बहनों ने मुझे ये भी बताया कि पहले जहां सामान्य गाय से 5 लीटर दूध मिलता था, अब गीर गाय 15 लीटर तक दूध देती है। एक गाय तो 20 लीटर तक दूध देती है।

इससे इन बहनों को हर महीने हजारों रुपये की अतिरिक्त कमाई हो रही है। इसके कारण हमारी ये बहनें लखपति दीदी भी बन रही हैं।यहां आने से पहले मैं बनास डेयरी प्लांट में गया था। वहां मेरी अनेक पशुपालक बहनों से बातचीत भी हुई है। किसान परिवारों की इन बहनों को 2-3 साल पहले हमने स्वदेशी नस्ल की गीर गाय दी थीं।

मकसद ये था कि पूर्वांचल में बेहतर नस्ल की स्वदेशी गायों को लेकर जानकारी और बढ़े, किसान-पशुपालकों को फायदा हो। आज यहां गीर गायों की संख्या साढ़े तीन सौ के करीब तक पहुंच चुकी है।