Latest News नयी दिल्ली राष्ट्रीय

टेलीकॉम कंपनियों को राहत देने के लिए मोदी सरकार ने उठाया ये बड़ा कदम


  • सरकार ने सोमवार को दूरसंचार लाइसेंस नियमों में संशोधन किया। इसके तहत सभी गैर-दूरसंचार राजस्व, लाभांश, ब्याज, संपत्ति बिक्री और किराए समेत अन्य को लाइसेंस शुल्क तथा स्पेक्ट्रम प्रयोग शुल्क की गणना से बाहर किया गया है। इसका उद्देश्य दूरसंचार परिचालकों पर कर बोझ को कम करना है। संशोधन केंद्र सरकार द्वारा घोषित दूरसंचार पैकेज का हिस्सा है।

उल्लेखनीय है कि समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) की पुरानी परिभाषा को सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा है। इससे भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया समेत दूरसंचार सेवाप्रदाताओं पर करीब 1.47 लाख करोड़ रुपए का बोझ पड़ा है। दूरसंचार विभाग के सोमवार को किए गए संशोधन के तहत कंपनियों के सकल राजस्व में से इन स्रोतों की आय को घटाने के बाद लागू समायोजित सकल राजस्व (एपीजीआर) की गणना की जाएगी।

इसके बाद पुराने नियमों के तहत पहले से छूट वाली श्रेणियों मसलन रोमिंग आय, इंटरकनेक्शन शुल्क और माल और सेवा कर को घटाया जाएगा और फिर अंतिम एजीआर निकाला जाएगा। इसके आधार पर सरकार राजस्व में अपनी हिस्सेदारी की गणना करती है। दूरसंचार विभाग ने कहा, ”संशोधन एक अक्टूबर, 2021 से प्रभाव में आ गया है। और उक्त तिथि के बाद लाइसेंसधारक के संचालन से जुड़ी बकाया राशि पर लागू होगा।” विभिन्न गैर-दूरसंचार राजस्व के स्रोतों पर छूट से शुल्कों में उल्लेखनीय कमी की उम्मीद है।