पटना

तटबंधों के कटाव निरोधक कार्य में तेजी लायें : सीएम


पटना (आससे)। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने १, अणे मार्ग स्थित संकल्प में आपदा प्रबंधन विभाग एवं जल संसाधन विभाग के साथ दक्षिण बिहार के बाढ़ प्रभावित जिलों की स्थिति की समीक्षा की।

जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव हंस ने नालंदा, पटना, जहानाबाद, कैमूर, गया एवं औरंगाबाद जिलों में बाढ़ की स्थिति, तटबंधों की स्थिति एवं वहां की नदियों में जलस्तर की स्थिति की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि झारखंड के इलाकों में अधिक वर्षा के कारण फल्गू नदी एवं सोन नद में अधिक पानी आने से तटबंधों पर दबाव बढ़ा और पानी ओवरटॉप कर जाने के कारण बाढ़ की स्थिति बनी। अब नदियों का जलस्तर घट रहा है। बाढ़ संघर्षात्मक कार्य भी तेजी से किये जा रहे हैं।

समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सभी नदियों के जल स्तर का अपडेट लेते रहें और तटबंधों की सतत् निगरानी करते रहें। अगर कहीं पर किसी प्रकार की क्षति हुई तो वहां राहत एवं बचाव कार्य के लिए तत्काल कदम उठाएं। उन्होंने कहा कि जहां भी तटबंधों में कटाव हुआ है वहां कटाव विरोधी कार्य तेजी से करायें। अभियंता इस बात की भी जानकारी लें कि कटाव कैसे हुआ और आगे ऐसा न हो इसको लेकर योजनाबद्ध ढंग से काम करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर बिहार के साथ-साथ दक्षिण बिहार में भी नदियों के तटबंधों के मजबूती को लेकर काम किये गये हैं। टाल क्षेत्र के लिए भी कई योजनाएं बनायी गयी हैं। उन्होंने कहा कि इस बात का भी आकलन करायें कि छोटी-छोटी नदियों को आपस में कैसे लिंक किया जा सकता है। नदियों के आपस में लिंक होने से सिंचाई कार्य में काफी सुविधा होगी और बरसात के मौसम में आए हुए पानी का सदुपयोग हो सकेगा। उन्होंने कहा कि छोटी-छोटी नदियों को संरक्षित रखना है। राज्य के सभी जिलों एवं सभी नदियों की अद्यतन स्थिति से अवगत रहें और जहां जरूरत हो वहां त्वरित कार्य करें।

बैठक में शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव हुंस, आपदा प्रबंधन विभाग के विशेष कार्य पदाधिकारी संजय कुमार अग्रवाल, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार उपस्थित थे।