सम्पादकीय

तेजीसे पैर पसार रहा कोरोना


डा. गौरीशंकर राजहंस   

पूरे देशमें २५ दिनमें प्रतिदिन बीस हजारसे बढ़कर कोरोनाके रोगी एक लाख प्रतिदिन हो गये हैं और प्रतिदिन नये मामलोंमें कोई कमी नहीं हो रही है, बल्कि बढ़ते ही जा रहे हैं। सबसे खराब हालत महाराष्ट्रकी है जहां मुम्बई जैसे महानगरमें एक तरहसे सीमित लाकडाउन लगा दिया गया है। मुम्बई और महाराष्ट्रके कुछ शहरोंमें शुक्रवार शाम आठ बजेसे सोमवारके सुबह ७ बजेतक लाकडाउन लगा दिया गया है। प्रतिदिन रातका कफर््यू लगा दिया जाता है। दिनमें सरकारने घोषणा की है कि दिनके समय धारा १४४ लगा दी जायगी जिससे ज्यादा लोग एकत्रत नहीं हो सकें। शहरोंके बाजार बन्द कर दिये जायंगे। केवल बहुत जरूरी सामानकी दुकानें ही खोली जायंगी। मॉल, सिनेमा और रेस्तरां पूरी तरह बन्द कर दिये जायंगे जिससे लोगोंकी भीड़ इक_ी नहीं हो सके। स्कूल और कॉलेज बन्द कर दिये जायंगे। निजी क्षेत्रके कर्मचारियोंको हिदायत दी गयी है वह ‘वर्क फ्राम होमÓ करें। ऑटो रिक्शामें तीनसे ज्यादा यात्री नहीं बैठ सकेंगे और टैक्सीमें सवार लोगोंकी संख्या भी सीमित रहेगी।  महाराष्ट्रके मुख्य मंत्रीने पक्ष और विपक्षके नेताओंसे निवेदन किया है कि यह बहुत बड़ी विपदा है जैसी पहले कभी नहीं आयी थी। इसलिए सभीको सहयोग करना चाहिए और पूरी सावधानी बरतनी चाहिए जिससे इस बीमारीका मुकाबला किया जा सके और यह अधिक नहीं फैल पाये। प्रधान मंत्रीने कहा कि पहले जब कोरोनापर नियंत्रण पाया गया था उस समय यह बीमारी केवल शहरोंमें सीमित थी। परन्तु डर है कि धीरे-धीरे यह बीमारी कहीं गांव-देहातमें फैल जायगी। तब इसपर नियंत्रण पाना बहुत ही कठिन हो जायगा। प्रधान मंत्रीने अधिकारियोंके सम्मेलनमें कहा कि कोरोनाको नियंत्रित करनेके लिए पांच सूत्री रणनीति अपनानी होगी जिसके तहत टेस्टिंग, ट्रेसिंग, ट्रीटमेंट और टीकाकरणको महत्व दिया जाना चाहिए। प्रधान मंत्रीने यह भी ऐलान किया कि जिन राज्योंमें कोरोनाने विकराल रूप धारण कर लिया है और जहां मृत्यु दर अधिक है वैसे राज्यों पंजाब, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़के लिए तत्काल केन्द्रीय सहायता दल रवाना करने होंगे और इस महामारीको और अधिक फैलनेसे रोकनेका प्रयास करना होगा।

ऐम्स, दिल्लीके निदेशक डाक्टर गुलेरियाने कहा कि लेागोंकी नासमझीके कारण कोरोना अचानकसे फिर बढ़ गया। लोगोंने समझा कि अब तो इस बीमारीका टीका आ गया है इसलिए इससे अब डरनेकी आवश्यकता नहीं है। अब तो यह बीमारी धीरे-धीरे समाप्त हो जायगी। परन्तु ऐसा कुछ नहीं हुआ। लोगोंने पूरी तरह लापरवाही बरती और कोरोना संक्रमण काबूसे बाहर हो गया। अबतक देशमें सात करोड़से ज्यादा टीके लगाये जा चुके हैं। परन्तु भारत जैसा देश जहांकी संख्या १३० करोड़ है, वहां इतने टीके लगानेसे सफलता नहीं मिल पायगी। ऐम्स, दिल्लीके निदेशकने कहा कि अब भी यदि शत-प्रतिशत लोग मास्क पहनें और दो गजकी दूरी बरकरार रखें तो इस बीमारीपर काफी हदतक नियंत्रण पाया जा सकेगा। परन्तु आये दिन टीवी चैनलोंपर यह दिखाया जा रहा है कि देशके विभिन्न क्षेत्रोंमें लोग बेतहाशा मास्क पहनने और आपसमें दूरी रखनेसे बच रहे हैं जिसके कारण यह बीमारी तेजीसे फैल रही है। सरकारने यह पता लगानेके लिए पूरे प्रयास किये कि आखिर यह बीमारी फैली कैसे? संसारके अनेक देशोंने चीन जाकर यह पता लगानेकी भी कोशिश की कि चमगादड़ोंके कारण तो यह बीमारी नहीं फैली। परन्तु गहन अध्ययन और खोजबीनके बाद भी वह इस नतीजेपर नहीं पहुंचे कि यह बीमारी चमगादड़ोंके कारण फैली है। सारे संसारके देशोंमें प्रमुख रूपसे यह कहा जा रहा है कि जिस तरहसे यह बीमारी दिन दुनी और रात चौगुनी फैल रही है उससे निकट भविष्यमें छुटकारा पानेकी उम्मीद बहुत कम है। इसलिए लोगोंको पूरी सावधान रखकर इस बीमारीसे दूर रहनेका प्रयास करना होगा। भारत सरकार अत्यन्त ही चिन्तित है कि जिस तरहसे यह बीमारी तेजीसे फैल रही है उससे कैसे छुटकारा पाया जा सकेगा। अभीतक इस बीमारीकी कोई कारगर दवा नहीं आयी है। सबसे अधिक आश्चर्यकी बात है, फिल्मी कलाकार दर्जनोंकी संख्यामें संक्रमित होकर आईसोलेशनमें पड़े हैं। कभी किसीने सपनेमें भी नहीं सोचा था कि फिल्मी कलाकार भी इतनी बड़ी संख्यामें इस बीमारीसे ग्रसित हो जायंगे।

आज पूरा देश यह सोचकर चिन्तित है कि आखिर इस बीमारीसे कब छुटकारा मिलेगा। अभी तो यही कहा जाता था कि यह बीमारी बच्चोंतक नहीं पहुंचेगी। परन्तु यूरोपके कई देशोंमें सघन जांच-पड़तालके बाद यह साबित हो गया कि यह बीमारी किसीसे परहेज नहीं करती है। अत: लोगोंके लिए अपने बच्चोंको इस बीमारीसे बचाये रखना अत्यन्त ही कठिन है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि यदि कोई घरमें काम करने आता है तो हम लोगोंको तो पता नहीं कि उसे कोरोना बीमारी है और जब उसकी इस बीमारीका पता चलता है तबतक देर हो चुकी होती हैै और ठीकसे पता भी नहीं चलता कि किस व्यक्तिसे यह बीमारी फैली है। कुल मिलाकर स्थिति यह है कि इस बीमारीके कारण पूरे देशमें हाहाकार मचा हुआ है। ऐसेमें लोगोंको पूरी तरह सावधान रहनेकी जरूरत है। भीड़-भाड़से बचनेकी जरूरत है और जबतक कोई कारगर दवा नहीं मिलती है तबतक हर व्यक्तिको कोरोनाका टीका अवश्य लगवा लेना चाहिए। यह मानकर चलना चाहिए कि स्वतंत्र भारतमें ऐसी विपदा पहले कभी नहीं आयी थी और लोगोंकी सावधानी और बृहत रूपसे टीकाकरणके बाद ही इसपर नियंत्रण पाया जा सकेगा।