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देवउठनी ग्यारस पर भूलकर भी ना करें ये काम, भगवान विष्णु हो जाते हैं नाराज


नई दिल्ली, : पवित्र कार्तिक मास अपने समापन की ओर है। यह मास इस वर्ष 8 नवम्बर के दिन स्मापत हो जाएगा। इस पवित्र मास में कई व्रत रखे जाते हैं। लेकिन कार्तिक मास में देवउठनी ग्यारस व्रत का विशेष महत्व है। यह वही दिन है जब भगवान विष्णु 4 महीने की लंबी नींद के बाद जागते हैं और पुनः अपने भक्तों की प्रार्थना सुनते हैं। इस वर्ष देवउठनी ग्यारस व्रत 4 नवम्बर (Dev Uthani Gyaras 2022 Date) के दिन रखा जाएगा। इस विशेष अवसर पर लोग भगवान विष्णु की विशेष पूजा करते हैं। शास्त्रों में इस दिन को देवउठनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। जानकारी के लिए बता दें कि कई जगहों पर एकादशी तिथि को ग्यारस नाम से भी सम्बोधित किया जाता है।

मान्यता है कि इस दिन पूजा-पाठ करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और भक्तों कि सभी मनोकामना पूर्ण कर देते हैं। लेकिन शास्त्रों में इस दिन के सन्दर्भ में कुछ विशेष नियम बताए हैं। जिनका पालन करना व्यक्ति के लिए आवश्यक है। ऐसा न करने से व्यक्ति को पाप के समान फल प्राप्त होता है, ऐसी मान्यता है। आइए जानते हैं देवउठनी ग्यारस पर किन कार्यों से बचना चाहिए और क्या करना चाहिए।

देवउठनी ग्यारस 2022 पर न करें ये काम (Dev Uthani Gyaras 2022 Niyam)

  • शास्त्रों में बताया गया है कि देवउठनी ग्यारस पर व्यक्ति को तुलसी के पौधे को नहीं तोड़ना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि इस दिन भगवान शालिग्राम का विवाह माता तुलसी से विधि-विधान से किया जाता है। इस नियम का पालन न करने से भगवान विष्णु क्रोधित हो जाते हैं।
  • इसके साथ एकादशी तिथि के दिन तामसिक व चावल खाने से बचना चाहिए। साथ ही इस दिन मदिरा, मांस का सेवन निषेध है। माना यह भी जाता है कि इस दिन चावल करने से व्यक्ति रेंगने वाले जीव की योनि में जन्म लेता है।
  • साथ ही देवउठनी ग्यारस के दिन व्यक्ति और खासकर व्रत रख रहे लोगों को किसी भी प्रकार के वाद-विवाद से बचना चाहिए। इसके साथ उन्हें किसी भी प्रकार के गलत शब्द का प्रयोग नहीं करना चाहिए। इस दिन हर उन्हें हर समय भगवान का नाम स्मरण करना चाहिए।

देवउठनी ग्यारस 2022 पर करें ये काम

  • सनातन धर्म में दान को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इसलिए देवउठनी ग्यारस के दिन किसी जरूरतमंद को अन्न या धन का जरूर करें। साथ जिन लोगों को विवाह से सम्बन्धित बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है उन्हें इस दिन केसर, केला या हल्दी का दान जरूर करना चाहिए।
  • शास्त्रों में यह भी बताया गया है कि देवउठनी ग्यारस के दिन व्रत रखने से व्यक्ति को धन,ऐश्वर्य, मान-सम्मान और संतान सुख की प्राप्ति होती है। साथ ही यह भी माना जाता है कि ऐसा करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। अगर सम्भव हो तो इस दिन पवित्र में जरूर स्नान करें या घर में नहाते समय में पानी में गंगाजल जरूर मिला लें।