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देश के करीब 90 फीसदी हिस्से में हाई पॉजिटिविटी रेट, ग्रामीण क्षेत्रों के मामले चिंता का विषय- केंद्र


  • कोरोना की दूसरी लहर में पॉजिटिविटी रेट बढ़ी है. केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि भारत के लगभग 90 प्रतिशत हिस्से में हाई पॉजिटिविटी रेट देखने को मिल रही है और 734 जिलों में से 640 जिलो में पॉजिटिविटी रेट 5 प्रतिशत से ज्यादा है. इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ते मामले चिंता का विषय हैं.

नई दिल्ली: कोरोना की दूसरी लहर देश के लिए ज्यादा खतरनाक साबित हो रही है. केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि भारत के लगभग 90 प्रतिशत हिस्से में हाई पॉजिटिविटी रेट देखने को मिल रही है. देश के 734 जिलों में से 640 जिलो में पॉजिटिविटी रेट 5 प्रतिशत से ज्यादा है और यह नेशनल थ्रेशोल्ड लेवल से ऊपर है. कोरोना की दूसरी लहर में गंभीर रूप से बीमार कोविड रोगियों के इलाज के लिए ऑक्सीजन और जरूरी दवाओं की कमी का सामना करना पड़ रहा है.

केंद्र सरकार पिछले महीने 18 साल से अधिक उम्र के सभी को लोगों को टीकाकरण अभियान में शामिल किया लेकिन ज्यादातर राज्यों में टीकों की कमी के कारण 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों का टीकाकरण ठीक से नहीं हो पा रहा है. अधिकारियों ने राज्यों को ट्रांसमिशन की चेन तोड़ने पर जोर देते हुए वायरस के ग्रामीण क्षेत्रों में फैलने के बारे में आगाह किया है.

रैपिड एंटीजन टेस्ट ज्यादा करने पर जोर
स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता, लव अग्रवाल ने कहा, “हिमाचल प्रदेश, नागालैंड जैसे नए राज्यों में हाई पॉजिटिविटी रेट देखी जा रही है और हमें ट्रांसमिशन की चेन तोड़ने के लिए सुधारात्मक उपाय करने की आवश्यकता है.” इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने ग्रामीण क्षेत्र पर विशेष ध्यान देने के साथ कोरोना टेस्ट के लिए मानदंडों को संशोधित किया है.

आईसीएमआर ने ट्रांसमिशन की चेन तोड़ने के लिएआरटी-पीसीआर टेस्ट की बजाए रैपिड एंटीजन टेस्ट्स पर ध्यान देने के लिए कहा है. आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने कहा ज्यादा से ज्यादा रैपिड एंटीजेन टेस्ट करने की जरूरत है, जिससे सही स्थिति की जानकारी मिल सकेगी.