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द्वीपीय देश संग रिश्ते मजबूत करने पहुंच रहे विदेश सचिव श्रृंगला


केंद्र सरकार (Central Government) इस बात से निराश है कि श्रीलंका (Sri Lanka) कोलंबो बंदरगाह (Colombo port) पर ईस्ट कंटेनर टर्मिनल (ECT) विकसित करने के लिए भारत और जापान (Japan) के साथ हुए समझौते से पीछे हट गया है. लेकिन इन सबके बाद भी केंद्र श्रीलंका के पीछे हटने को एक उपयोगी कदम के रूप में देख रही है. दरअसल, इसके पीछे की वजह श्रीलंकाई सरकार (Sri Lankan Government) का अडानी ग्रुप के साथ 700 मिलियन डॉलर का समझौता है, जिसके तहत अडानी ग्रुप (Adani Group) कोलंबो बंदरगाह पर एक और टर्मिनल तैयार करेगा.

वेस्टर्न कंटेनर टर्मिनल (WCT) समझौते का ऐलान विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला (Harsh Vardhan Shringla) के श्रीलंका दौरे से पहले हुआ है. इस समझौते में भारत सरकार की कोई भागीदारी नहीं है. लेकिन इसके बाद भी इस समझौते के तहत रणनीतिक रूप से जरूरी इस बंदरगाह पर एक भारतीय कंपनी की मौजूदगी रही है. ये मौजूदगी ऐसे समय पर होने वाली है, जब चीन (China) श्रीलंका में की मेगाप्रोजेक्ट में पैसा लगा रहा है. श्रृंगला अपनी 4 दिवसीय यात्रा के दौरान राजनीतिक स्तर पर श्रीलंका को फिर भारत के साथ जोड़ने की कोशिश करेंगे. अपनी यात्रा पर वह जाफना, त्रिंकोमाली और कैंडी भी जाएंगे.