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धर्मेंद्र को प्रभार में झलक रहा अखिलेश का असमंजस, बदायूं का ‘टिकट’ लेकर कयासों को पंख लगा गए ‘चाचा’


आजमगढ़। लोकसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी प्रत्याशियों की तीसरी लिस्ट में भी भले ही जिले से अभी किसी प्रत्याशी के नाम की घोषणा नहीं हुई है, लेकिन धर्मेंद्र यादव को कन्नौज के साथ आजमगढ़ का लोकसभा प्रभारी बनाए जाने से अब सर्वाधिक चर्चा यहीं की है। इसमें अखिलेश का असमंजमस साफ झलक रहा कि वह कौन सी सीट से खुद लड़ें।

 

फागुनी बयार भले ही अब तक गर्माहट भरी अंगड़ाई न ले सकी हो, लेकिन आजमगढ़ की सियासी हवा रंगत में है। राजनीतिक रूप से समृद्ध रहे इस जनपद के मायने अलग हैं। आजमगढ़ की सियासत का पूर्वांचल पर खासा प्रभाव रहता है। यहां की दो सीटों में सदर भाजपा के पास है।

आजमगढ़ को माना जाता है सपा का गढ़

यहां से दिनेशलाल यादव निरहुआ ने सपा प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव को उपचुनाव में कांटे की टक्कर में हराया था। आजमगढ़ सपा का गढ़ माना जाता रहा है। इसमें उपचुनाव में भाजपा ने सेंध लगाई तो तमाम कारणों में से प्रत्याशी का अंतिम दौर में आना भी इसी से जोड़कर देखा जा रहा था।

अब इस बार पार्टी ने तेजी दिखाई जरूर, लेकिन धर्मेंद्र यादव को दो जगहों का प्रभार देने से यह साफ हो गया कि अखिलेश यादव अभी अपनी सीट को लेकर कोई अंतिम निर्णय नहीं कर सके हैं। बहरहाल, जिले से सपा के कद्दावर नेता और विधायक शिवपाल यादव के आजमगढ़ से सर्वाधिक संभावना जताई जा रही थी। अब उनको बदायूं लोकसभा सीट का प्रत्याशी बनाए जाने के बाद उपचुनाव में सपा प्रत्याशी रहे धर्मेंद्र यादव पर निगाहें थीं, लेकिन उन्हें यहां और कन्नौज का प्रभारी बनाए जाने से अटकलों को पंख लग गए हैं।

क्या भाजपा से हार का बदला ले सकेगी सपा

लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी की ताकत बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय अखिलेश यादव जी-जान से जुटे हैं। पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक (पीडीए) वोटबैंक को लक्ष्य बनाया जा रहा है, लेकिन इन सबके बीच सबसे अधिक चर्चा यादव परिवार को लेकर है। माना जा रहा है कि समाजवादी पार्टी की ताकत बढ़ाने के लिए पूरा यादव कुनबा ताकत झोंकेगा। सियासी खेमे में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि आजमगढ़ से इस बार अखिलेश यादव खुद मैदान में होंगे।

पार्टी का निर्णय हर कार्यकर्ता को शिरोधार्य है। हम सभी लोग लगकर सीट को जीतकर ही रहेंगे प्रत्याशी कोई भी हो। जहां तक प्रभार की बात है तो उससे यह तर्क लगाना कि वह अब प्रत्याशी नहीं होंगे कतई उचित नहीं है। जल्द ही यहां की सीट पर भी निर्णय हो जाएगा। – अशोक यादव, सपा प्रवक्ता।