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नॉनसेंस  के रिकॉर्ड पच्चीस साल  ,अनूठा विमोचन दृष्टि बाधित बालिकाओं के साथ


नॉनसेंस  के रिकॉर्ड पच्चीस साल  ,अनूठा विमोचन दृष्टि बाधित बालिकाओं के सा                                                                                                                                              रायपुर। पिछले पच्चीस वर्षों  से लगातार छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में होली के अवसर पर हास्य -व्यंग  और खास टाइटल के लिए नॉनसेंस  का इंतज़ार सभी लोगों को होता।  इसके विमोचन में छत्तीसगढ़ के सभी मुख्यमंत्री सहित छत्तीसगढ़ी फिल्मों  के स्टार , छत्तीसगढ़ चैम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष , समाजसेवी , साहित्यकार और सेलेब्रिटी शामिल हो चुके है।  इस साल विमोचन ब्लाइंड स्कूल की दृष्टि बाधित  दिव्यांग बालिकाओं के साथ रंग बिरंगे अंदाज में किया।  इस अवसर पर प्रेरणा के अध्यक्ष अनिल कुचेरिया , छत्तीसगढ़ चैम्बर के सलाहकार भरत बजाज, फिल्म डायरेक्टर पुनीत सोनकर समाजसेवी श्रीमती अनु टंडन , इंजीनियर कोमल व्यास शर्मा , शशि यादव , मनोज पारख नरेंद्र ठाकुर -अंटू ,चंचल वर्मा  आदि उपस्थित थे।  इस अवसर पर संपादक तपेश जैन ने सिल्वर जुबली अंक पर कहा की नॉनसेंस  ने टाइटल देकर लोगो  की नाराजगी झेली भी है और कार्टून बनाकर लोगो को हंसाया भी है।  निश्चित रूप से साल में एक बार सबको नॉनसेंस बनना चाहिए।  नॉनसेंस  की लोकप्रियता है जो इसका टाइटल तक चुराकर लोग महामूर्ख  बनाते  है। गौरतलब है कि हीरापुर -जरवाय स्थित नेशनल एसोसिएशन फॉर ब्लाइंड की  रायपुर इकाई की  दिव्यांग बालिकाओं ने मोर  रायपुर का प्रसिद्ध गाना गाया है। विमोचन अवसर पर  छाया और रुक्मणी सेन ने होली गीत सुनाकर  सबका मन मोह लिया।                                                                                                                                                                                                                                        नॉनसेंस के पच्चीस सालों  के सफर को स्मरण करते हुए श्री जैन ने मधुसूदन शर्मा को याद किया जिन्होंने कंधे से कंधा  मिलाकर  इसे ऊंचाइयां प्रदान की। होली बुलेटिन  नॉनसेंस टाइम्स में बृजेश चौबे , रामअवतार तिवारी , के के शर्मा ,  विजय मिश्रा , मोहन तिवारी , दीपक पांडेय, संतोष साहू , हरिओम फिल्म्स के डायरेक्टर डॉ पुनीत सोनकर , जयप्रकाश उपाध्यय , राघवेंद्र मिश्रा , शशांक खरे , शारदा त्रिपाठी , नगेन्द्र वर्मा  अरविन्द अवस्थी , रायपुर फोटोग्राफर एसोसिएशन के अध्यक्ष दीपक ठाकुर , चैम्बर के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष स्वर्गीय अमर धावना  ने भी समय समय पर  योगदान दिया जिसकी वजह से सफर यादगार रहा।