पटना

पटना: आधुनिकता के दौर में आयुर्वेद ही कारगर: प्रेम कुमार


कहाकपूर की आरती से वातावरण में उपस्थित वायरस का नाश होता है

(आज समाचार सेवा)

पटना। अतः अपनी सनातनी जड़ों से जुड़े रहकर, शारीरिक दूरी का पालन,  मुखौटा का प्रयोग, आपस में अभिवादन से नमस्कार, आयुर्वेद जड़ी-बूटी का सेवन और योग-व्यायाम से कोरोना का जंग जीतेंगे। ये बातें बीजेपी नेताप्रेम कुमार ने कही। उन्होंने कहा कि कपूर की आरती से वातावरण में उपस्थित वायरस का नाश होता है। फिटकिरी, नमक, गर्म पानी के गार्गलिंग से गले का संक्रमण दूर होता है।

आज हवन का धुआं, कपूर की आरती से वातावरण में उपस्थित सारे वायरस मर रहे हैं। हवन का धुआं कपूर की आरती प्राणवायु बना। हमारे पूर्वज विज्ञान से भलीभांति परिचित थे। ऐसा कहें कि सनातन स्वम् ही एक विज्ञान है तो, अतिशयोक्ति नहीं। हमारे रीति-रिवाज के पीछे विज्ञान छुपा है। कपूर की आरती, लौंग, घी, धूप का हवन। अजवाइन, हल्दी, दालचीनी, लौंग का सेवन। हाथ धोना। आपस में नमस्कार से अभिवादन करना, आदि हमारे पुराने रीति रिवाज रहे हैं और आज यही सब चीज कोरोना संक्रमण काल में बचाव के मुख्य अस्त्र बन गए हैं।

कपूर की आरती से वातावरण में उपस्थित वायरस का नाश होता है। फि़टकिरी, नमक, गर्म पानी के गार्गलिंग से गले का संक्रमण दूर होता है। आज हवन का धुआं, कपूर की आरती से वातावरण में उपस्थित सारे वायरस मर रहे हैं। हवन का धुआँ कपूर की आरती प्राणवायु बना। हमारे पूर्वज विज्ञान से भलीभांति परिचित थे। ऐसा कहें कि सनातन स्वम् ही एक विज्ञान है तो, अतिशयोक्ति नहीं । हमारे रीति-रिवाज के पीछे विज्ञान छुपा है।

कपूर की आरती, लौंग, घी, धूप का हवन। अजवाइन, हल्दी, दालचीनी, लौंग का सेवन, हाथ धोना, आपस में नमस्कार से अभिवादन करना, आदि हमारे पुराने रीति रिवाज रहे हैं और आज यही सब चीज कोरोना संक्रमण काल में बचाव के मुख्य अस्त्र बन गए हैं। अतः अपनी सनातनी जड़ों से जुड़े रहकर, शारीरिक दूरी का पालन,  मुखौटा का प्रयोग, आपस में अभिवादन से नमस्कार, आयुर्वेद जड़ी-बूटी का सेवन और योग-व्यायाम से कोरोना का जंग जीतेंगे।