पटना

पटना एम्स में कोरोना से 5 की मौत


फुलवारीशरीफ। पटना एम्स में रविवार को पटना, भोजपुर, सीवान, पुर्णिया समेत 5 लोगों की मौत कोरोना से हो गयी, जबकि 10 नये कोरोना पॉजीटिव मरीजों को एडमिट किया गया है। इनमें सबसे ज्यादा पटना के पॉजीटिव मरीज हैं। एम्स कोरोना नोडल आफिसर डॉ संजीव कुमार के मुताबिक अनिसाबाद के 70 वर्षीय ईश्वर चंद्र पासवान, एस के पुरी की 40 वर्षीय रिणा सिंहा, भोजपुर के 52 वर्षीय प्रभाकर कुमार श्रीवास्तव, सीवान कि 63 वर्षीय माया देवी, जबकि पुर्णिया के 56 वर्षीय नवीन कुमार रंजन की मौत कोरोना से हो गयी है।

वहीं एम्स के आइसोलेशन वार्ड में 10 नये कोरोना पॉजीटिव मरीजों को भर्ती कर इलाज शुरू किया गया है, जिसमें पटना के सबसे ज्यादा 3 लोगों, खगडिया, अरवल, सीवान, अररिया, मुजफ्फरपुर समेत अन्य जिलों के मरीज शामिल हैं। इसके अलावा एम्स में 6 लोगों ने कोरोना को मात दे दिया, जिन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। वहीं रविवार शाम तक आइसोलेशन वार्ड में एडमिट कुल 154 मरीजों का इलाज चल रहा था।

डॉ. एपी सिन्हा ने हारी जंग

खगौल। जाने-माने मशहूर ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. ए पी सिन्हा ने रेलवे अस्पताल में ली अंतिम सांस। यह खगौल वासियों के लिए बहुत ही दुखद समाचार है। पूर्व मध्य रेल, दानापुर रेल मंडल से सेवानिवृत अपर मंडल मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ईएनटी स्पेशलिस्ट डॉ. ए पी सिन्हा कोरोना से जंग लड़ते हुए दम तोड़ दिया। डॉ. ए पी सिन्हा का व्यवहार मरीजों के साथ बहुत ही सौम्य और मधुर था। कम फीस या फीस नहीं होने पर बिना फीस के भी मरीजों को देखते थे। सबसे बड़ी बात तो यह थी, इनका दरवाजा गरीबों के लिए हर वक्त खुला रहता था। किसी समय भी चले जाने पर इनके कर्मचारी और डॉक्टर साहब मरीज को देखने में ना शब्द का प्रयोग नहीं करते थे।

उनके असामयिक निधन का समाचार सुनकर उनके पड़ोसियों सहित खगौल वासियों में दु:ख की लहर व्याप्त है। पूरे दिन उनके घर के पास लोगों आना-जाना लगा रहा। वहीं उनसे इलाज करा चुकी अमीषा सिन्हा का कहना है कि वे खगौल के बेहतरीन डाक्टरों में से एक थे। इलाज के दौरान मरीजों के साथ उनका व्यवहार फ्रेंडली होता था। बातचीत करके ही वे मरीज का तनाव कम कर देते थे। वहीं उनकी पड़ोसी जदयू नेत्री वंदना सिंह का कहना है कि डॉक्टर साहब बहुत ही अच्छे इंसान थे। मरीजों के साथ उनका व्यवहार बहुत ही अच्छा था।

वे हमेशा गरीबॉन के लिए खड़े रहते थे। यह सिर्फ उनके परिवार के लिए नहीं बल्कि पूरे खगौल के लिए एक अपूर्णीय क्षति है। डॉ. सिन्हा की पत्नी भी स्त्रीरोग विशेषज्ञ की डाक्टर है। डॉ. सिन्हा के निधन को लेकर चिकित्सा जगत में ही नहीं सभी वर्गों के लोगों में शोक की लहर व्याप्त है।