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पटना के फुलवारीशरीफ आतंकी माड्यूल की जांच करेगी NIA, गृह मंत्रालय ने जारी किया आदेश


पटना : फुलवारीशरीफ में देशविरोधी गतिविधियों के संचालन और भारत को 2047 तक इस्लामिक स्टेट बनाने के षड्यंत्र की जांच अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) करेगी। गृह मंत्रालय ने मामले की गंभीरता को देखते हुए फुलवारीशरीफ माड्यूल की जांच एनआइए से कराने का निर्देश जारी कर दिया है। जांच का जिम्मा मिलने के बाद सबसे पहले एनआइए इस मामले की नई प्राथमिकी दर्ज करेगी। सूत्रों के अनुसार, देर रात या शनिवार की सुबह तक एनआइए फुलवारी शरीफ मामले की प्राथमिकी दर्ज कर लेगी। 

अभी तक फुलवारीशरीफ माड्यूल की जांच पटना पुलिस की एसआइटी संभाल रही थी जबकि एटीएस समेत कई सुरक्षा एजेंसियां जांच में सहयोग कर रही थीं। मामले का पर्दाफाश होने के बाद से ही एनआइए, रा और आइबी के अधिकारी लगातार पटना में कैंप कर रहे थे। अब एनआइए के पास जांच जाने के बाद दिल्ली से एनआइए के वरीय अधिकारियों की टीम के भी पटना पहुंचने की संभावना है। यहां आकर एनआइए के अधिकारी पटना पुलिस से अब तक की कार्रवाई की पूरी रिपोर्ट लेगी। इसके बाद नए सिरे से अपनी जांच शुरू करेगी।

एसएसपी ने की थी एटीएस जांच की वकालत 

फुलवारीशरीफ मामले का दायरा लगातार बढऩे के बाद से ही इसकी जांच एटीएस या एनआइए को दिए जाने की संभावना जताई जा रही थी। पटना के एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने दो दिन पूर्व बिहार पुलिस मुख्यालय को पत्र लिखकर इसकी जांच एटीएस से कराने की वकालत की थी।

पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क से जुड़ रहे तार 

फुलवारीशरीफ मामले की जांच जैसे-जैसे बढ़ रही है, इसके तार पाकिस्तान, दोहा समेत कई इस्लामिक देशों से जुड़ रहे हैं। पीएफआइ और एसडीपीआइ के बाद कट्टरपंथी समूह गजवा-ए-ङ्क्षहद और आइएसआइ से भी पकड़े गए सदस्यों के जुड़ाव की बात सामने आई है।

पीएम के आने से एक दिन पहले हुई थी गिरफ्तारी 

बिहार विधानसभा के शताब्दी समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पटना आगमन से एक दिन पूर्व 11 जुलाई को खुफिया विभाग की सूचना पर पटना पुलिस ने फुलवारीशरीफ में एसडीआइपी (सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी आफ इंडिया) और पीएफआइ (पापुलर फ्रंट आफ इंडिया) के कार्यालय में छापेमारी की थी। पुलिस को सूचना मिली थी कि प्रधानमंत्री के पटना भ्रमण के दौरान गड़बड़ी करने के लिए कुछ लोग नया टोला इलाके अहमद पैलेस में इकट्ठा हुए हैं। छापेमारी में फुलवारीशरीफ में केरल सहित अन्य कई राज्य के युवाओं को प्रशिक्षित कर भारत को 2047 तक इस्लामिक राष्ट्र बनाने के षड्यंत्र का पर्दाफाश हुआ। इस मामले में झारखंड पुलिस के रिटायर्ड दरोगा व मकानमालिक मो. जलालुद्दीन और प्रशिक्षण देने वाले अतहर परवेज को गिरफ्तार किया। इसके बाद फुलवारी शरीफ से ही संगठन के सदस्य अरमान मलिक और गजवा-ए-ङ्क्षहद गु्रप से जुड़े मरगूब उर्फ दानिश को पकड़ा गया। इस मामले में यूपी एटीएस की मदद से लखनऊ से नुरुद्दीन जंगी को गिरफ्तार किया गया है।