पटना

पटना: गंगा में मिले शवों के मामले में राज्य सरकार से जवाब तलब


पटना (विधि सं)। पटना हाईकोर्ट ने बक्सर के पास गंगा नदी में पाए गए शवों के मामले में राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। इस बीच, कोरोना मामले में राज्य सरकार की ओर से 184 पन्नों का एक जवाबी हलफनामा पटना हाई कोर्ट के समक्ष दायर कर कोर्ट को बताया गया कि राज्य सरकार कोरोना की रोकथाम के लिए क्या- क्या कदम उठाई है। राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि अस्पतालों में बेड की संख्या बढ़ा दी गई है तथा ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है।

वही, कोर्ट ने कहा कि मंगलवार की रात को 184 पन्ने का हलफनामा ऑनलाइन दाखिल किया गया है, इतने कम समय में ठीक से नही देखा जा सका है। लेकिन मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल व न्यायमूर्ति एस कुमार की खंडपीठ ने कोर्ट के द्वारा नियुक्त एमिकस क्यूरी यानी न्याय मित्र को कहा कि वे सरकार की ओर से दाखिल हलफनामा को देख एक चार्ट बनाएं, जिससे पता चल सके कि किस अस्पताल में कितना बेड है।वहाँ वेंटिलेटर व बेड की क्या स्थिति है। दवा का भंडारण तथा मरीजो को दवा की आपूर्ति हो रही है कि नही।

ऑक्सीजन की क्या स्थिति है। किस अस्पताल में कितना ऑक्सीजन की जरूरत है। प्रत्येक जिला को कितना ऑक्सीजन चाहिए। आईसीयू, बेड, दवा तथा ऑक्सीजन के बारे में पूरा चार्ट तैयार कर सरकारी वकील को देने का निर्देश न्याय मित्र को दिया। साथ ही साथ मामले पर अगली सुनवाई गुरुवार को करने का निर्देश भी दिया है। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि कोविड प्रबंधन के लिए राय और परामर्श देने के लिए 12 सदस्यीय एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया गया है।

निदेश प्रमुख, रोग नियंत्रण स्वास्थ्य सेवाएं इसके संयोजक होंगे। कोर्ट ने शवों के अंतिम संस्कार के लिए जा रहे मनमाने पैसों को लेकर भी राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। इस केस में अधिवक्ता प्रियंका सिंह की ओर से एक हस्तक्षेप अर्जी दायर की गई। इस अर्जी पर सीनियर एडवोकेट योगेश चंद्र वर्मा ने बहस करते हुए कोर्ट को बताया कि जिन्हें टीका का पहला डोज दे दिया गया है उन्हें बगैर किसी देरी के दूसरा डोज दिया जाना चाहिए।

उनका कहना था कि राज्य के सभी निवासी को फ्री में वैक्सीनेशन की सुविधा मुहैया कराया जाना चाहिए। उन्होंने कोर्ट को बताया कि सरकारी, गैर सरकारी सहित प्राइमरी हेल्थ एवं रेफरल अस्पतालों में वेडो की संख्या के बारे में पूरी जानकारी दी जानी चाहिए, ताकि लोग जान सके कि किस अस्पताल में कोरोना मरीजों के लिए कितने बेड को रखा गया है।

उन्होंने ऑक्सीजन आपूर्ति करने के बारे में पूरी जानकारी देने की मांग अदालत से की। दवा ऑक्सिजन की आपूर्ति के बारे में भी सवाल खड़ा करते हुए कहा कि  राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों में ऑक्सीजन जेनरेट प्लांट लगाया जाना चाहिए ताकि भविष्य में मरीजों को ऑक्सीजन की कमी ना हो सके।

डॉक्टर पारा मेडिकल स्टाफ की कमी को जल्द से जल्द पूरा करने की मांग भी कोर्ट से किया। कोविड संक्रमित लाश जलाने के लिए प्रति मन लकड़ी का दाम दस हजार रुपये लिये जाने का भी मुद्दा उठाया गया है। उन्होंने कहा कि कोविड के तीसरे फेज से लडऩे के लिए अभी से उपाय किया जाना चाहिए। कोर्ट ने उनके अर्जी पर बाद में आदेश पारित करने की बात कही।