पटना

पटना: नवसाक्षर-कलाकार भी बने मुखिया-सरपंच


जन शिक्षा निदेशालय करा रहा सर्वे, बिहार दिवस पर होगा सम्मान

(आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। प्रदेश में राज्य सरकार द्वारा चलायी जा रही साक्षरता की योजना के तहत नवसाक्षर महिलाएं भी मुखिया, सरपंच और जिला परिषद सदस्य बनी हैं। इसके साथ ही कला जत्थे के कलाकार भी मुखिया बने हैं।

मुखिया, सरपंच और जिला परिषद सदस्य बनीं नवसाक्षर महिलाएं महादलित, दलित, अतिपिछड़ा अल्पसंख्यक अक्षर आंचल योजना के तहत साक्षरता का पाठ पढ़ी हैं। महिला साक्षरता की यह योजना राज्य सम्पोषित है। यह योजना महादलित, दलित, अतिपिछड़ा अल्पसंख्यक समुदाय की 15 से 35 वर्ष की असाक्षर महिलाओं को साक्षर बनाने के लिए चल रही है। इस योजना के तहत साक्षर बन कर मुखिया, सरपंच और जिला परिषद सदस्य बनने वाली महिलाओं को सामने लाने के लिए सर्वे किया जा रहा है।

महादलित, दलित, अतिपिछड़ा अल्पसंख्यक अक्षर आंचल योजना का कार्यान्वयन शिक्षा विभाग के जन शिक्षा निदेशालय द्वारा किया जा रहा है। निदेशालय के हर जिले में कला जत्थे हैं। कला जत्थे के कलाकार भी  मुखिया बने हैं। पटना जिले में कला जत्थे की कलाकार बिंदु कुमारी मुखिया बनी हैं। कटिहार जिले में भी कला जत्थे के एक नर्तक कलाकार मुखिया बने हैं। मुखिया बनने वाले कला जत्थे के कलाकारों को जन शिक्षा निदेशालय सूचीबद्ध कर रहा है।

मुखिया, सरपंच और जिला परिषद सदस्य बने नवसाक्षर एवं कला जत्थे के कलाकार बिहार दिवस पर यहां गांधी मैदान में जन शिक्षा निदेशालय के पवेलियन में जुटेंगे। बिहार दिवस समारोह 22 मार्च से शुरू होकर 24 मार्च तक चलेगा। पवेलियन में मुखिया, सरपंच और जिला परिषद सदस्य बने नवसाक्षर एवं कला जत्थे के कलाकार शॉल एवं सम्मान राशि से सम्मानित किये जायेंगे। उनके अनुभव भी सुने जायेंगे।

जन शिक्षा के सहायक निदेशक रमेश चन्द्र ने बताया कि जन शिक्षा निदेशालय के पवेलियन में हर जिले से कला जत्थे के कालाकार आयेंगे। हर कला जत्थे में 12 कलाकार हैं। 38 कला जत्थे के साथ ही दोस्ताना सफर के भी 12 कलाकार होंगे।  एसआरजी एवं केआरपी आयेंगे, जिनकी संख्या 301 है। हर जिले से पांच शिक्षा सेवक या नवसाक्षर आयेंगे। साक्षरता केंद्रों पर चलने वाले बारहमासा पर भी पवेलियन में फोकस होगा। महिला सशक्तिीकरण पर भी फोकस होगा। पवेलियन में हर दिन दो शिक्षाविद आमंत्रित किये जायेंगे। तबला, सारंगी, शहनाई, बांसुरी, किलांट, र्बैजो, मृदंग-मादर, ताशा-तमोरा बजाने वाले लोक कलाकार भी पवेलियन में जुटेंगे।