पटना

पटना: पोर्टल पर शिक्षक ही करेंगे सर्टिफिकेट अपलोड


डीईओ-डीपीओ को निर्देश, त्रुटियों का करें निराकरण

(आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। राज्य में जिन पंचायतीराज एवं नगर निकाय शिक्षकों के सर्टिफिकेट जांच के लिए निगरानी को नहीं मिले हैं, ऐसे शिक्षक स्वयं शिक्षा विभाग के पोर्टल पर अपना सर्टिफिकेट अपलोड करेंगे। इसमें शिक्षकों को परेशानी न हो, इसके लिए उनके नाम व नियुक्ति तिथि  सहित अन्य त्रुटियों के निराकरण को लेकर सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियों एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों (स्थापना) को निर्देश दिये गये हैं।

शिक्षकों को शिक्षा विभाग के वेबसाइट पर उपलब्ध लिंक के माध्यम से पोर्टल पर अपना निबंधन करते हुए पोर्टल में अपलोड किये गये प्रपत्र में आवश्यक सूचना अंकित कर मूल प्रमाण पत्रों का स्कैन कॉपी 20 जुलाई तक निश्चित रूप से अपलोड करने हैं।

निर्धारित समय सीमा के अंतर्गत संबंधित शिक्षक अगर वेब पोर्टल पर संबंधित अभिलेख अपलोड नहीं करेंगे, तो उनके संबंध में यह माना जायेगा कि उनकी नियुक्ति की वैधता के संदर्भ में उन्हें कुछ नहीं कहना है तथा उनकी नियुक्ति को प्रथम दृष्टया अवैध मानते हुए नियमानुसार संबंधित नियोजन इकाई के माध्यम से उनकी सेवा समाप्त करने की काररवाई की जायेगी एवं उनके द्वारा वेतनादि के रूप में प्राप्त की गयी राशि की वसूली लोकमांग वसूली अधिनियम के प्रावधान के तहत की जायेगी। लेकिन, व्यवहार में यह पाया जा रहा है कि शिक्षकों द्वारा प्रमाण पत्रों को अपलोड करने की गति अत्यंत धीमी है

इसके मद्देनजर प्राथमिक शिक्षा निदेशक डॉ. रणजीत कुमार सिंह द्वारा जिला शिक्षा पदाधिकारियों एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों (स्थापना) को दिये गये ताजा निर्देश में कहा गया है किप्रमाण पत्रों को 20 जुलाई तक अपलोड कराने के लिए अपेक्षित काररवाई की जाय। यदि जिला स्तर से शिक्षकों के नाम, नियुक्ति तिथि आदि में किसी प्रकार की त्रुटि की गयी हो, तो अपने जिला के लॉगइन-आईडी एवं पासवर्ड के माध्यम से शीघ्र त्रुटि का निराकरण कर दिया जाय, ताकि संबंधित शिक्षक अपने प्रमाण पत्रों की प्रति ससमय अपलोड कर सकें।

जिला शिक्षा पदाधिकारियों एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों (स्थापना) से कहा गया है कि यदि जिला स्तर से ईपीएफ संख्या की गलत प्रविष्टि हुई है, तो उस स्थिति में जिला कार्यालय द्वारा ऐसे शिक्षकों की सूची सही ईपीएफ संख्या के साथ विशेष दूत के माध्यम से निदेशालय को अवगत करायेंगे तथा राज्य सूचना विज्ञान केंद्र पर रहकर त्रुटि का निराकरण करायेंगे।