पटना

पटना: 2री से 10वीं के बच्चे डिजिटल करेंगे कैचप कोर्स की पढ़ाई


  • दूसरी लहर में स्कूलों के बंद रहने से इ-लाइब्रेरी में पाठ अपलोड करने की तैयारी

  • स्मार्टफोन से लैप-डेस्कटॉप वाले घरों के बच्चों को पढ़ाई में होगी सहूलियत

(आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। राज्य में सरकारी स्कूलों के 2री से 10वीं कक्षा के बच्चे कैचप कोर्स का डिजिटल पाठ पढ़ सकेंगे। सरकारी स्कूलों के बच्चों के लिए बिहार शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा शुरू की गयी इ-लाइब्रेरी में कैचप कोर्स के डिजिटल पाठ जल्द ही अपलोड होने वाले हैं।

इससे 2री से 10वीं कक्षा के तकरीबन दो करोड़ बच्चों में से उन छात्र-छात्राओं की कैचप कोर्स की पढ़ाई स्कूल गये बिना भी आसान हो जायेगी, जिनके घरों में स्मार्टफोन, लैपटॉप या डेस्कटॉप के साथ इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध होगी। यह सुविधा चालीस से साठ फीसदी छात्र-छात्राओं के घरों में उपलब्ध होने का अनुमान है। हालांकि, ऐसे छात्र-छात्रा भी तभी पढ़ पायेंगे, जब उनके घर कोरोना संक्रमण से मुक्त होंगे। यह मानी हुई बात है कि जिन घरों में एक भी सदस्य कोरोना संक्रमण के शिकार हैं, उनमें बाकी सदस्यों की तरह बच्चे भी तनाव में जी रहे हैं।

2री से 10वीं कक्षा के छात्र-छात्राओं को क्लासरूम में कैचप कोर्स पढ़ाने की तैयारियों पर कोरोना की दूसरी लहर द्वारा पानी फेरे जाने के बाद इ-लाइब्रेरी पर उसके डिजिटल पाठ अपलोड करने की योजना बनी। दरअसल, कोरोना की पहली लहर में पिछले साल 1ली से 9वीं एवं 11वीं कक्षा के छात्र-छात्राओं को बिना परीक्षा के ही अगली कक्षा में प्रोन्नति मिल गयी। बच्चे प्रोन्नत होकर एक कक्षा ऊपर चले तो गये, लेकिन पढ़ाई के लिए उनके स्कूल खुल नहीं पाये। गत 28 सितंबर से 33 फीसदी बच्चों की उपस्थिति के साथ मार्गदर्शन कक्षा के नाम पर 9वीं से 12वीं कक्षा की पढ़ाई शुरू भी हुई, तो कोरोना के पहली लहर की खौफ से बच्चों के पांव रुक गये।

यही हाल आगे चल कर 6ठी से 8वीं की कक्षा में भी रहा। जब 50 फीसदी उपस्थिति के साथ पढ़ाई शरू हुई, तो 6ठी से 12वीं कक्षा में छात्र-छात्राओं की उपस्थिति थोड़ी बढ़ी। उसके बाद एक मार्च से 50 फीसदी उपस्थिति के साथ ही 1ली से 5वीं कक्षा भी पढ़ाई के लिए खुल गये। लेकिन, एक माह बाद ही अप्रैल से नया सेशन शुरू होना था। इसके मद्देनजर 1ली से 8वीं कक्षा के बच्चों को एक बार फिर बिना परीक्षा के ही एक कक्षा ऊपर प्रोन्नति दे दी गयी। यानी, 1ली से 8वीं के बच्चे बिना परीक्षा के ही 2री से 9वीं कक्षा में चले गये।

बच्चों को बिना परीक्षा नयी कक्षा में भेजने के साथ ही तय हुआ कि नयी कक्षा में तीन माह तक उन्हें पुरानी कक्षा का पाठ ही पढ़ाया जाय, ताकि उनका स्तर नयी कक्षा के अनुरूप हो सके। इसके लिए 2री से 10वीं में गये बच्चों को कैचप कोर्स के जरिये तीन माह यानी अप्रैल से जून तक के 60 कार्यदिवस में 1ली से 9वीं कक्षा का ही पाठ पढ़ाया जाना था। कक्षावार व विषयवार कैचप कोर्स तैयार हुए। इसे पढ़ाने की ट्रेनिंग भी तकरीबन पौने चार लाख शिक्षकों को मिल गयी। गत अप्रैल से कैचप कोर्स की पढ़ाई शुरू होनी थी, लेकिन उसी दिन से कोरोना की दूसरी लहर की वजह से स्कूल बंद हो गये।