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पहला वर्चुअल स्कूल बनाने की अरविंद केजरीवाल की घोषणा पर क्‍यों शिक्षा मंत्रालय ने जताया अचंभा


नई दिल्ली। शराब नीति के बाद दिल्ली में स्कूलों को लेकर राजनीति गरमाई हुई है। बुधवार की सुबह जहां दिल्ली में स्कूलों को लेकर भाजपा और आम आदमी पार्टी के नेता भिड़े वहीं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से दिल्ली में देश का पहला वर्चुअल स्कूल बनाने की घोषणा के बाद केंद्र सरकार की ओर से आश्चर्य जताते हुए पूरा आंकड़ा दिखा दिया गया कि केंद्र सरकार की ओर से तो एक साल पहले ही यह शुरूआत हो चुकी है। सात हजार से ज्यादा केंद्रों से लगभग सवा दो लाख बच्चे वर्चुअल शिक्षा ले रहे हैं। बुधवार की दोपहर 12 बजे मुख्यमंत्री केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा था- ‘आज शिक्षा के क्षेत्र में बड़ी क्रांति की यशुरुआत. आज देश का पहला वर्चुअल स्कूल दिल्ली में शुरू’।

एनआइओएस के चेयरमैन ने दी प्रतिक्रिया

राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान(एनआइओएस) की चेयरमैन प्रोफेसर सरोज शर्मा ने प्रतिक्रिया जताते हुए कहा- ‘दिल्ली के मुख्यमंत्री के इस घोषणा से मै हैरान हूं। वह यह दावा कैसे कर सकते है। देश में इसकी शुरूआत तो साल भर पहले ही केंद्रीय शिक्षा मंत्री धमेंद्र प्रधान ने की थी। और लाखों बच्चे इसका लाभ ले रहे हैं।’

अगस्‍त 2021 में शुरू हो चुके हैं वर्चुअल स्कूल

शिक्षा मंत्रालय ने अपने दावे की पुष्टि में संबंधित दस्तावेज भी जारी किए है। जिसमें बताया है कि वह अगस्त 2021 में ही वर्चुअल स्कूल शुरू कर चुके है। एनआईओएस की ओर से जारी उस विज्ञापन को भी पेश किया गया है, जिसमें वर्चुअल स्कूल को शुरू करने का जिक्र है। सात हजार ऐसे केंद्र हैं जहां स्कूली पढ़ाई हो रही है। इसमें क्लास नौ से 12वीं तक शामिल है। इसके अलावा 1500 ऐसे वर्चुअल सेंटर बनाए गए हैं जहां कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।