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पाकिस्‍तान में जारी सियासी उठापटक पर सुप्रीम कोर्ट में फिर शुरू हुई सुनवाई,


नई दिल्ली । पाकिस्‍तान में बीते तीन दिनों से ही सियासी पारा उफान पर है। इमरान खान और समूचा विपक्ष आमने सामने है और फिलहाल गेंद सुप्रीम कोर्ट के पाले में डाल दी गई है, जहां इसकी सुनवाई जारी है। पाकिस्‍तान मीडिया में आई खबरों के मुताबिक विपक्ष ने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले की सुनवाई फुल कोर्ट बैंच से कराने की गुजारिश की है। पीएमएल-एन के नेता शाहबाज शरीफ का कहना है कि यदि अविश्‍वास प्रस्‍ताव को लेकर कानूनी अड़चन थी तो स्‍पीकर ने इसको आठ मार्च को क्‍यों स्‍वीकार किया था।

सुप्रीम कोर्ट का रुख 

नेशनल असेंबली में विपक्ष के अविश्‍वास प्रस्‍ताव को खारिज करने के डिप्‍टी स्‍पीकर के फैसले के खिलाफ मामले की सुनवाई के दौरान सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने सभी पार्टियों को सुनने और उनकी राय जानने की बात कही थी। अब इस मामले की आज भी सुनवाई होनी है। पाकिस्‍तान की मीडिया में इस मुद्दे पर जारी बहस के बीच ये बात सामने निकलकर आई है कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही इस मामले में फैसला लेने में देर कर दी है। ऐसे में यदि और अधिक देरी की गई तो ये पाकिस्‍तान के लिए अच्‍छा नहीं होगा।

भारत और ब्रिटेन लोकतंत्र की मिसाल

पाकिस्‍तान मीडिया में चली बहस के दौरान संसदीय प्रणाली में कानून और संविधान का पालन करने वाले देशों में भारत का नाम भी लिया गया। जियो न्‍यूज पर चली बहस के दौरान पाकिस्‍तान के वरिष्‍ठ पत्रकार हामिद मीर ने कहा है कि ब्रिटेन या भारत में संविधान का कभी उल्‍लंंघन नहीं किया गया। उन्‍होंने ये भी कहा कि ये देश संसदीय प्रणाली और लोकतंत्र की मिसाल रहे हैं। लेकिन पाकिस्‍तान में इस तरह की चीज कभी देखने को ही नहीं मिली हैं। इस बीच चुनाव आयोग ने साफ कर दिया है वो तीन माह के अंदर देश में आम चुनाव नहीं करवा सकता है। आयोग की तरफ से कहा गया है कि ये किसी सूरत से भी संभव नहीं है।