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पीएम मोदी कर रहे हैं देश को संबोधित, अपडेट


  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को संबोधित कर रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर से भारत की लड़ाई जारी है। दुनिया के दूसरे देशों की तरह ही भारत भी बहुत बड़ी मुश्किल से गुजरा है। कई लोगों ने अपने परिचितों और परिजनों को खोया है। ऐसे परिवारों के साथ मेरी संवेदना है।

उन्होंने कोविड-19 महामारी को बीते सौ बरसों में आई सबसे बड़ी महामारी बताया। उन्होंने कहा कि अप्रैल में मेडिकल ऑक्सीजन की डिमांड बढ़ गई। भारत के इतिहास में इतनी मात्रा में मेडिकल ऑक्सीजन की जरूरत नहीं पड़ी। इसे पड़ने के लिए युद्ध स्तर पर काम किया गया।

90 फीसद हुआ वैक्सीन कवरेज

उन्होंने कहा कि 2014 में देशवासियें ने सेवा का मौका दिया तो भारत में वैक्सीनेशन का कवरेज 60 प्रतिशत के आसपास थी। हमारी दृष्टि में यह चिंता की बात थी। जिस रफ्तार से टीकाकरण कार्यक्रम चल रहा है। उससे देश के 40 साल लग जाते। इस समस्या के समाधान के लिए मिशन इंद्रधनुष को लांच किया। जिसके माध्यम से वैक्सीनेशन किया जाएगा। जिसे भी वैक्सीनेशन की जरूरत होगा, उसे वैक्सीन दिया जाएगा। 5-6 साल में वैक्सीनेशन कवरेज 90 प्रतिशत से भी ज्यादा हो गया।

साल भर में लांच की दो मेड इन वैक्सीन

हर आशंका को दरकिनार करके भारत ने एक साल के भीतर ही एक नहीं बल्कि दो मेड इन इंडिया वैक्सीन लांच कर दी। हमारे देश ने और देश के वैज्ञानिकों ने दिखा दिया कि भारत बड़े-बड़े देशों से पीछे नहीं है। देश में 23 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है।

सात कंपनियां बना रही वैक्सीन

देश में सात कंपनियां वैक्सीन बना रही है और बच्चों के लिए दो वैक्सीन का ट्रायल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नेजल वैक्सीन के लिए भी देश में रिसर्च किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों को करोड़ों दिए गए हैं।

पीएम मोदी ऐसे वक्त में देश को संबोधित कर रहे हैं जब कोरोना की दूसरी लहर धीरे-धीरे मंद पड़ती जा रही है और तीसरी लहर को लेकर चिंता जताई जा रही है। दूसरी लहर के कमजोर पड़ने के बाद से ही देश के कई राज्यों में कोरोना पाबंदियों में ढील दी जा रही है।

कोरोना की दूसरी लहर के दौरान पीएम मोदी और केंद्र सरकार को काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। विपक्षी नेताओं ने उन पर चुनाव को लेकर व्यस्त रहने और कोविड-19 महामारी को रोकने के लिए आवश्यक कदम नहीं उठाए जाने का आरोप लगाया था। साथ ही देश में ऑक्सीजन की किल्लत के चलते भी सरकार को आलोचना झेलनी पड़ी थी।