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प्याजकी कीमतोंमें गिरावटसे आम आदमीको मिली राहत


नयी दिल्ली। काफी समय से देश का आम आदमी प्याज के आंसू रो रहा था। 100 रुपये का आंकड़ा छूने वाली प्याज की कीमतों ने उनका जीना मुहाल कर दिया था। लेकिन अब एक बड़ी राहत की खबर है. प्याज 25 से 27 रुपए किलो मिल रहा है। दरअसल मार्केट में नाशिक और पुणे से प्याज की नई खेप आ गई है। पिछले वर्ष अगस्त और सितंबर में प्याज की कीमतों ने आम आदमी को काफी रुलाया था. कीमत में कमी न आने की वजह से ग्राहकों को काफी परेशानी हुई थी। भारी बारिश की वजह से महाराष्ट्र में कई जगहों पर प्याज की फसल चौपट हो गई थी। इसके अलावा नवंबर और दिसंबर में भी कम आपूर्ति की वजह से भी कीमतों पर काफी असर पड़ा था। प्याज की आवक बाजार में बढऩे से प्याज की जो कमी हो गई थी, वो अब नहीं रह गई है। प्याज की नई खेप तेजी से बाजार में पहुंचने लगी है। जिससे प्याज के भाव में नरमी दिखनी शुरू हो गई है। आम आदमी को अब नया प्याज 25 रुपए किलो के भाव में मिल रहा है और पुराना प्याज 27 रुपए किलो मिल रहा है। यही प्याज कुछ महीने पहले 100 रुपए किलो तक में मिल रहा था हालांकि सरकार की तरफ से भाव में नियंत्रण के लिए कुछ प्रयास किए गए जिससे यह 50 से 60 रुपए किलो तक नीचे आया था। लेकिन अब यह पूरी तरह से आम आदमी को वाजिब लगने वाले भाव में मार्केट में उपलब्ध हो गया है। दरअसल प्याज की फसल साल में दो-तीन बार हुआ करती है। प्याज की पिछली फसल कुछ तो बेमौसम बरसात की वजह से खराब हो गई थी तो कुछ कोरोना काल में लॉकडाऊन की वजह से बाजार तक पहुंच ही नहीं पा रही थी। कुछ प्याज किसान निर्यात कर रहे थे। कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने निर्यात पर रोक भी लगाई। साथ ही ईरान, इजिप्ट और तुर्की से प्याज आयात भी किया गया। इसके साथ ही सरकार ने प्याज की स्टॉक लिमिट भी 25 टन कर दी थी। इसके बावजूद प्याज की कीमतें 50-60 रुपए से नीचे नहीं आ पा रही थी। लेकिन इस नए प्याज के बाजार में आते ही आम आदमी को राहत मिलनी शुरू हो गई है। मुंबई कृषि उत्पन्न बाजार समिति में प्याज की 100 नई गाडिय़ां आई हैं.इससे मुंबई के आस-पास प्याज की दरें कम होनी शुरू हो गई है।
यह सस्ता प्याज दो-तीन दिनों में मार्केट में पूरी तरह से बिकने लगेगा.
प्याज के दाम यहां से बढ़ते-घटते हैं
देश भर में प्याज की कीमतें तय करने में महाराष्ट्र के लासलगव की महत्वपूर्ण भूमिका है. यह देश की सबसे बड़ी प्याज की मंडी है जो नासिक जिले में है. नासिक में पूरे महाराष्ट्र का 60 फीसदी प्याज उगाया जाता है. और महाराष्ट्र बहुत हद तक पूरे भारत के प्याज की जरूरतें पूरी करता है. जब यहां प्याज का थोक भाव बढ़ता है और यहां से देश भर को प्याज की सप्लाई कम हो जाती है तो प्याज रिटेल में भी महंगा हो जाता है. और जब लासलगांव में प्याज की आवक बढ़ जाती है, और यहां प्याज की खरीद सस्ती होती है तो रिटेल मार्केट में प्याज सस्ता हो जाता है. इस मंडी में अब प्याज की नई फसल का आना तेज हो गया है इसलिए प्याज अब सस्ता होने लगा है.