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प्रदेशके साइबर थानोंको और अधिक सुदृढ़ किया जायेगा-मुख्य मंत्री


लखनऊ (आससे)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए प्रभावी प्रयास किये जा रहे है। इसके तहत प्रदेश के सभी परिक्षेत्रीय साइबर थानों को पर्याप्त उपकरणों एवं संसाधनों की व्यवस्था शीघ्र किये जाने के निर्देश दिये गये है। शासन ने नये साइबर थानों को और अधिक सुदृढ़ करने एवं डाटा सम्बन्धी कार्यो आदि के लिये और बेहतर परिणाम के लिए 32 करोड़ 80 लाख रूपये की धनराशि मंजूर किये जाने का निर्णय लिया है। इस धनराशि से सभी साइबर थानों के साइबर लैब के लिए डाटाबेस मैनेजमेंट, फारेन्सिक टूल्स, डेटा एनेलिसिस साफटवेयर, डेटा एक्सट्रैक्शन साफटवेयर आदि क्रय किये जायेगे। अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी की अध्यक्षता में आज लोक भवन स्थित सभाकक्ष में एक उच्चस्तरीय बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में जानकारी दी गयी कि साइबर अपराधों के आरोप में गत वर्ष 2020 में माह अगस्त से दिसम्बर तक की अवधि में कुल 893 अभियुक्तों की गिरफ्तारी की गयी है।बैठक में यह भी बताया गया कि शासन द्वारा साइबर अपराधों पर कड़ी नजर रखी जा रही है तथा उसकी रोकथाम हेतु प्रभावी प्रयास किये जा रहे है। प्रदेश के नवसृजित परिक्षेत्रीय साइबर क्राइम पुलिस थानों में कुल 243 अभियोग पंजीकृत किये गये है। इनमें से आगरा में 14, अलीगढ़ में 08, प्रयागराज में 13, चित्रकूट धाम (बांदा) में 02, बरेली में 11, मुरादाबाद में 24, गोरखपुर में 11, बस्ती में 06, देवीपाटन (गोण्डा) में 04, कानपुर में 13, झांसी में 09, अयोध्या में 11, लखनऊ में 40, गौतमबुद्धनगर, (मेरठ) में 27, सहारनपुर में 05, आजमगढ़ में 13, मिर्जापुर में 09 व वाराणसी में 23 अभियोग पंजीकृत किये गये है। श्री अवस्थी ने निर्देशित किया है कि साइबर थानों के लिये जरूरी स्टाफ की व्यवस्था पुलिस विभाग में उपलब्ध संसाधनों से तत्काल सुनिश्चित की जाय। उन्होंने साइबर अपराधों की रोकथाम हेतु आम जनमानस में इसके सम्बन्ध में और अधिक जागरूकता बढ़ाये जाने के भी निर्देश दिये है। अपर पुलिस महानिदेशक, साइबर क्राइम राम कुमार ने जानकारी दी कि साइबर अपराधों की रोकथाम के अलावा जनजागरूकता बढ़ाये जाने के सम्बन्ध में भी गम्भीरता से प्रयास किये जा रहे है। यूपी 112 स्थित साइबर लैब से तीन व पॉच दिवसीय प्रशिक्षण में अबतक कुल 1232 अधिकारियों व कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। राम कुमार ने यह भी बताया कि जनता से अपेक्षा की गयी है कि वे किसी भी तरह का लेन देन, पंजीकरण से समबन्धित गोपनीय ओ0टी0पी0 को किसी से साझा न करे, अंजान व्यक्ति से बैंक, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड से जुड़ी जानकारी साझा न करे, सोशल मीडिया के माध्यम से मिले अन्जान व्यक्तियों के लिंक, क्यू आर कोड पर कार्यवाही न करे। बैठक में गृह सचिव भगवान स्वरूप के अलावा पुलिस विभाग के साइबर शाखा से जुड़े अधिकारी व गृह विभाग के अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहें।