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प्रधानमंत्रीने दिखायी १००वीं किसान रेलको हरी झंडी


नयी दिल्ली (आससे)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि किसानों के प्रति समर्पित उनकी सरकार भंडारण की आधुनिक व्यवस्था और आपूर्ति श्रृंखला के आधुनिकीकरण पर विशेष ध्यान दे रही है। इस क्षेत्र में करोड़ों रुपये के निवेश के साथ-साथ किसान रेल की नयी पहल भी शुरू की गयी है, जिससे कि किसानों को उनके उत्पादों की सही कीमत मिले सके। आज 100वीं किसान रेल की शुरुआत करते हुये प्रधानमंत्री देश के किसानों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि अगस्त महीने में देश की पहली किसान और खेती के लिये पूरी तरह समर्पित रेल सेवा शुरू की गयी थी। आज 100वीं किसान रेल महाराष्ट्र के संगोला से पश्चिम बंगाल के शालीमार के लिये रवाना हुई है। इससे पश्चिम बंगाल के किसानों, पशुपालकों, मछुआरों की पहुंच मुंबई, पुणे, नागपुर जैसे महाराष्ट्र के बड़े-बड़े बाजारों तक हो गयी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भंडारण और कोल्ड स्टोरेज के अभाव में देश के किसान का नुकसान हमेशा से बड़ी चुनौती रहा है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार भंडारण की आधुनिक व्यवस्था पर, सप्लाई चेन के अधुनिकीकरण पर, करोड़ों रुपये के निवेश के साथ-साथ किसान रेल की नयी पहल भी कर रही है। प्रधानमंत्री ने किसानों के प्रति सरकार की निष्ठा की बात को दोहराते हुये कहा कि यह काम किसानों की सेवा के लिये हमारी प्रतिबद्धता को दिखाता है। यह इस बात का भी प्रमाण है कि हमारे किसान नयी संभावनाओं के लिये कितनी तेजी से तैयार हैं। किसान दूसरे राज्यों में भी अपनी फसलें भेज सकें, उसमें किसान रेल और कृषि उड़ान की बड़ी भूमिका है। प्रधानमंत्री ने कहा कि किसान रेल सेवा देश के किसानों की आमदनी बढ़ाने की दिशा में एक बहुत बड़ा कदम है, इससे खेती से जुड़ी अर्थव्यवस्था में बदलाव आयेगा। इससे देश की कोल्ड सप्लाई चेन की ताकत भी बढ़ेगी। किसान रेल चलता-फिरता कोल्ड स्टोरेज भी है, यानि इसमें फल, सब्जी, दूध, मछली जैसी जल्द खराब होने वाली चीजें पूरी सुरक्षा के साथ एक जगह से दूसरी जगह पहुंच रही हैं।
किसान रेल के फायदे गिनाते हुये प्रधानमंत्री ने कहा कि इस सुविधा से पश्चिम बंगाल के लाखों छोटे किसानों को एक बहुत बड़ा विकल्प मिला है। किसान के साथ ही स्थानीय छोटे-छोटे व्यापारी को भी यह विकल्प मिला है। वे किसान से ज्यादा दाम में ज्यादा माल खरीदकर किसान रेल के जरिये दूसरे राज्यों में बेच सकते हैं। कृषि से जुड़े विशेषज्ञों और दुनिया भर के अनुभवों तथा नयी तकनीक का भारतीय कृषि में समावेश किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि स्टोरेज से जुड़ा बुनियादी ढांचा हो या फिर कृषि उत्पादों के मूल्य में वृद्धि से जुड़े प्रसंस्करण उद्योग हों, ये हमारी सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि पीएम कृषि संपदा योजना के तहत मेगा फूड पाक्र्स, कोल्ड चेन इफ्रास्ट्रक्चर, एग्रो प्रोसेसिंग क्लस्टर ऐसे करीब साढ़े छह हजार प्रोजेक्ट मंजूर किये गये हैं। इसमें से अनेक परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं और लाखों किसान परिवारों को इसका लाभ मिल रहा है। आत्म निर्भर अभियान पैकेज के तहत माइक्रो फूप्रोसेसिंग उद्योगों के लिये 10 हजार करोड़ रुपये मंजूर किये गये हैं।