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फुल टाइम एक्टर तो पार्ट टाइम नेता, कौन हैं निखिल जिन्हें PM दादा व CM पिता से विरासत में मिली राजनीति


बेंगलुरु, । कर्नाटक विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। इस बीच पार्टियों ने उम्मीदवारों के नामों का भी एलान कर दिया है। हालांकि, कर्नाटक चुनाव में परिवारवाद की राजनीति भी देखने को मिल रही है। जेडीएस प्रमुख और पूर्व पीएम एचडी देवेगौड़ा की तीसरी पीढ़ी भी चुनावी मैदान में हैं।

बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री और जेडीएस प्रमुख एचडी देवेगौड़ा ने अपने पोते निखिल को ‘बी’ फॉर्म दिया। इस दौरान उन्होंने अपने पोते को आर्शीवाद भी दिया। निखिल कुमारस्वामी ने आज नामांकन दाखिल कर दिया है।

देवेगौड़ा परिवार की तीसरी पीढ़ी भी चुनावी मैदान में

जेडीएस प्रमुख और पूर्व पीएम एचडी देवेगौड़ा के पोते निखिल कुमारस्वामी रामनगर विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में है। निखिल अपने परिवार की तीसरी पीढ़ी हैं, जो राजनीति में सक्रिय हैं। पूर्व सीएम एसडी कुमारस्वामी के बेटे को जेडीएस ने रामनगर सीट से उतारा है। फिलहाल इस सीट से अनीता कुमारस्वामी मौजूदा विधायक हैं, जो कर्नाटक के पूर्व सीएम एचडी कुमारस्वामी की पत्नी हैं।

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कौन हैं निखिल कुमारस्वामी

निखिल कुमारस्वामी पेशे से एक्टर हैं। हालांकि, देवेगौड़ा के पोते निखिल कुमारस्वामी ने साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में भी किस्मत आजमाई थी, लेकिन उन्हें मांड्या लोकसभा सीट पर अभिनेत्री से नेता बनीं सुमलता अंबरीश ने 1.25 लाख वोटों के भारी अंतर से हराया था। जिसके बाद निखिल अपनी फिल्मी लाइफ में सक्रिय हो गए थे, लेकिन परिवार ने निखिल पर दोबारा भरोसा जताते हुए उन्हें फिर से चुनावी मैदान में उतारा है।

 

जेडीएस परिवार के लिए अहम है ये सीट

बता दें कि कर्नाटक की रामनगर विधानसभा सीट जेडीएस के लिए काफी मायने रखती है। साल 2004 से रामनगर सीट जेडीएस के पास रही है। यहां से पूर्व सीएम कुमारस्वामी ने चार बार चुनाव जीता है। उन्होंने साल 2004, 2008, 20013, 2018 के विधानसभा चुनाव में विजयी प्राप्त की थी। इससे पहले देवेगौड़ा ने 1994 में रामनगर विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था। हालांकि, बाद में कुमारस्वामी की पत्नी ने इस सीट पर हुए उपचुनाव में यहं से चुनाव जीता था। इस बार जेडीएस ने इस सीट से कुमारस्वामी के बेटे निखिल को उतारा है।

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क्या है रामनगर सीट का जातिगत समीकरण

इस निर्वाचन क्षेत्र में 2,06,999 मतदाता हैं। यहां हिंदू मतदाता 51.04 प्रतिशत हैं, जबकि मुस्लिम मतदाता 47.65 प्रतिशत हैं। यहां वोक्कालिगा वोट बैंक का दबदबा है, जो जेडीएस के साथ मजबूती से खड़ा रहा है। इसके अलावा मुस्लिम मतदाताओं के एक बड़े हिस्से ने भी परंपरागत रूप से देवेगौड़ा परिवार का समर्थन किया है। जिस वजह से ही इस सीट पर देवेगौड़ा परिवार का लंबे अरसे से कब्जा रहा है। बता दें कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए 10 मई को एक चरण में मतदान होगा और 13 मई को नतीजे भी घोषित किए जाएंगे।