वाराणसी

बड़ागणेशके पूजन के साथ चार दिवसीय काशी खण्ड कथा का शुभारम्भ


लोहटिया लोहा व्यापार समिति बड़ागणेश लोहटिया द्वारा काशी के पौराणिक महत्व पर चार दिवसीय काशी खण्ड कथा का शुभारम्भ मंदिर के मुख्य अतिथि क्षेत्राधिकारी प्रथम प्रवीण कुमार सिंह द्वारा मंगलवार को बड़ागणेश के पूजन मुख्य यजमान गोपाल गुप्त के सपत्नी व्यास पीठ के पूजन एवं कथावाचक श्री ओमप्रकाश उपाध्याय के पूजन से हुआ। समिति के अध्यक्ष संतोष कुमार अग्रहरि महामंत्री विकास यादव एवं पदाधिकारियों को माल्यार्पण किया। अध्यक्ष महामंत्री ने मुख्य अतिथि प्रवीण कुमार सिंह को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया। कथावाचक ओमप्रकाश उपाध्याय ने काशी के पौराणिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए कथा का शुभारम्भ मणिकर्णिकाघाट तीर्थ पर प्रवचन से किया। उन्होने कहाकि काशी बाबा विश्वनाथ की नगरी है जो त्रिशुल पर बसी है, यह शिव का विग्रह है। काशी शिवलिंग है। इसे भगवान विष्णु के हृदय से अनष्टï प्रणाम शिवलिंग का प्रादुर्भाव हुआ, जो देखते देखते २५ कोस का आकार हो गया। दसो दिशाओं में २५-२५ कोस का आकार हो गया जिसमें समय समय पर परिवर्तन भी हुआ। जैसे सतयुग में त्रिशुलाकार, त्रेता में चक्र का आकार, द्वापर में रथ का आकार, वर्तमान में कलयुग में शंख के आकार का है। यही पर मणिकर्णिकातीर्थ हुआ, जिसे काशी का हृदय मातने है। इस दौरान प्रमुख रूप से वीरेन्द्र जायसवाल, राजेश कसौधन, विजय अग्रहरि, मनोज जायसवाल, दीपक यादव सहित अन्य लोग मौजूद रहे।