पटना

बामेती सीमांत एवं भूमिहीन किसानों को स्वरोजगार का अवसर प्रदान करेगा : अमरेंद्र


कृषि मंत्री ने बामेती की स्थापना दिवस के अवसर पर किया पुरस्कार वितरण

फुलवारीशरीफ। बिहार सरकार के कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह बामेती में स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह में पहुंचे जहां उन्होंने कौशल विकास मिशन योजना के लिए बामेती को प्रथम पुरस्कार एवं बिहार कृषि विष्वविद्यालय और आत्मा, जमूई तथा मुंगेर को संयुक्त रुप से द्वितीय पुरस्कार प्रदान किया । वहीं स्वदेसी कार्यक्रम के लिए बामेती, पटना को प्रथम तथा आत्मा, सीमामढ़ी को द्वितीय पुरस्कार से नवाजा गया।

राज्य स्तर पर वैज्ञानिक रवीन्द्र कुमार जलज, मत्स्य, कृषि विज्ञान केन्द्र, रोहतास, डाॅ॰ मान्धाता सिंह, शस्य, कृषि विज्ञान केन्द्र, बक्सर एवं  रघुबर साहू, शस्य, कृषि विज्ञान केन्द्र, बाँका को राज्य स्तरीय पुरस्कार के साथ 50-50 हजार रूपये की राशि भी दी गई। जिला स्तर पर  संजीत कुमार, जिला-अरवल एवं रवीश रंजन, जिला-भोजपुर को किसान गौरव पुरस्कार तथा 25-25 हजार रूपये राशि प्रदान की गई।

साथ ही, जिला स्तर पर सद्भावना सब्जी उत्पादक कृषक हित समूह, सिवान, कुषवाहा कृषक हित समूह, सिवान, मोनू मषरूम स्वंय सहायता समूह, मुंगेर, प्रगति किसान क्लब, वैषाली, हरियाली किसान हितकारी समूह, मधुबनी, पंचायत किसान संगठन, मधुबनी तथा किसान विकास कृषक हित समूह, मधुबनी को सर्वश्रेष्ठ समूह पुरस्कार के साथ 20-20 हजार रूपये की राषि प्रदान की गई।

इसके अतिरिक्त राज्य स्तर पर प्रदर्षनी में मशरूम उत्पादन स्टाॅल के लिए मधुबनी के बैधनाथ मंडल को प्रथम, अवषिष्ट फूलों से सामग्री स्टाॅल के लिए मुंगेर के  मृदुला भारद्वाज तथा मखाना उत्पादन स्टाॅल के लिए  अर्चना कुमारी, दरभंगा को द्वितीय एवं रेषम उत्पादन स्टाॅल के लिए जमुई के निरंजन कुमार को तृतीय पुरस्कार प्रदान किया गया।

कृषि मंत्री ने इस अवसर पर अपने सम्बोधन में कहा कि बिहार में बिहार कृषि प्रबंधन एवं प्रसार प्रशिक्षण संस्थान (बामेती) विगत 20 वर्षों से कार्य कर रही है। बामेती भारत सरकार एवं बिहार सरकार के संयुक्त वित्तीय व्यवस्था के द्वारा संचालित की जाती है, जिसमें भारत सरकार के द्वारा 60 प्रतिशत एवं बिहार सरकार के द्वारा 40 प्रतिशत की राशि होती है।  बामेती नयी तकनीकों के लिए अन्य संस्थानों से समन्वय स्थापित कर राज्य के किसानों के बीच प्रचार-प्रसार करता रहेगा।

उन्होंने आज स्टॉलों पर लगे जीवंत प्रदर्शनी का अवलोकन किया इस प्रदर्शनी में कुल 12 प्रदर्शनी स्टॉल लगाए गए हैं। मंत्री ने कहा कि यह राज्य के सीमांत एवं भूमिहीन किसानों के लिए स्वरोजगार का अवसर प्रदान करेगा, जो उनकी जीविकोपार्जन के रूप में आय का साधन बनेगा। यह हमारे राज्य के किसानों के लिए कृषि के क्षेत्र में पथदर्शक के रूप में कार्य करेगा।

इस कार्यक्रम में बिजय कुमार, विशेष सचिव-सह-नोडल पदाधिकारी, आत्मा योजना,  नन्द किशोर, उद्यान निदेशालय, डॉ॰ जितेन्द्र प्रसाद, निदेशक, बामेती, राजेन्द्र कुमार वर्मा, अनिल कुमार,  मंत्री, कृषि के आप्त सचिव, उप निदेशक (शष्य), सूचना सहित कृषि विभाग के अन्य पदाधिकारी एवं कर्मचारीगण उपस्थित थे।