पटना

पटना: अफसर करेंगे इंस्पेक्शन, बैठेंगे क्लास में


शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी का अधिकारियों को निर्देश, ट्रेनिंग में गुणवत्ता को लेकर ह्यूमाना पिपुल टू पिपुलके साथ करार

(आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। राज्य में स्कूलों के इंस्पेक्शन में जाने वाले अफसर एवं प्रशिक्षक क्लास में बैठेंगे। शिक्षण कार्य में उन्हें अगर कोई कमी दिखेगी, तो शिक्षकों के बतायेंगे। ये निर्देश शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय स्तर की स्वैच्छिक संस्था ‘ह्यूमाना पिपुल टू पिपुल’ और शिक्षा विभाग के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर के दौरान दिये। इसके तहत ‘ह्यूमाना पिपुल टू पिपुल’ द्वारा प्रशिक्षण संस्थानों को गुणात्मक कार्य करने हेतु नि:शुल्क सहयोग प्रदान किया जायेगा।

शिक्षा विभाग के डॉ. मदन मोहन झा स्मृति सभागार में एमओयू पर हस्ताक्षर के बाद वहां आयोजित समारोह में शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि स्कूलों का लगातार इंस्पेक्शन होता रहा, तो निश्चित रूप से शिक्षा में सुधार होगा। इसी को ध्यान में रख कर स्कूलों के गहन इंस्पेक्शन का अभियान चलाया जा रहा है।

शिक्षा मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) के हालात बदले हैं।  व्याख्याताओं की नियुक्ति से  जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों की स्थिति बदली है। गुणवत्ता शिक्षा और नैतिक शिक्षा के लिए शिक्षकों की ट्रेनिंग जरूरी है। शिक्षकों को दी जाने वाली ट्रेनिंग का असर क्लास में उनके अध्यापन कार्य पर दिखना चाहिये। अगर उसका लाभ उनसे पढऩे वाले बच्चों को नहीं मिला, तो वैसी ट्रेनिंग का क्या लाभ?  शिक्षा मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि ‘ह्यूमाना पिपुल टू पिपुल’ के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर से जिस पहल की शुरूआत हुई है, वह गुणवत्ता शिक्षा की दिशा में एक और कदम है।


स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में 66 पंचायत बनेंगे मॉडल

पटना (आशिप्र)। राज्य में स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में 66 पंचायत मॉडल बनेंगे। राज्य में 66 सरकारी टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज हैं। इनमें छह अध्यापक शिक्षा महाविद्यालय, 33 जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, 23 प्राथमिक शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय एवं चार प्रखंड शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान हैं। अध्यापक शिक्षा महाविद्यालयों में बीएड की पढ़ाई होती है, जबकि जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों, प्राथमिक शिक्षक शिक्षा महाविद्यालयों एवं प्रखंड शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों में डीईएलएड की पढ़ाई की व्यवस्था है।

सभी 66 सरकारी टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज उस पंचायत को एडॉप्ट करेंगे, जिस पंचायत में टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज होंगे। इसके तहत संबंधित 66 पंचायतों में से हर पंचायत के प्राइमरी से लेकर प्लस-टू स्कूल तक की शिक्षण व्यवस्था की मॉनीटरिंग उस पंचायत के टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज के जिम्मे होगी। इससे संबंधित 66 पंचायत स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में मॉडल बन कर उभरेंगे।


‘ह्यूमाना पिपुल टू पिपुल’ के सीईओ स्नोरे वेस्टगार्ड ने ट्रेनिंग प्रोग्राम की विस्तारपूर्वक चर्चा करते हुए कहा कि इसका लाभ जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों को मिलेगा। इससे गुणवत्ता शिक्षक प्रशिक्षण को गति मिलेगी। शिक्षा विभाग के सचिव असंगवा चुबा आओ ने कहा कि एमओयू से गुणवत्ता शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा। ‘ह्यूमाना पिपुल टू पिपुल’ के साथ तीसरी बार एमओयू हुआ है। यह एमओयू पांच वर्षों के लिए है। इसके पहले दो बार तीन-तीन वर्षों के लिए एमओयू हुआ था।

शोध एवं प्रशिक्षण निदेशक डॉ. विनोदानंद झा ने कहा कि ‘ह्यूमाना पिपुल टू पिपुल’ की स्थापना 1977 में डेनमार्क में हुई। यह संस्था भारत में भी काम कर रहा है। जब जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों में शिक्षक नहीं थे, तो ‘ह्यूमाना पिपुल टू पिपुल’ द्वारा ही पढ़ाया जाता था। इस अवसर पर माध्यमिक शिक्षा निदेशक मनोज कुमार, प्राथमिक शिक्षा निदेशक रवि प्रकाश तथा राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद के निदेशक विजय कुमार हिमांशु सहित शिक्षा विभाग के संबंधित अधिकारी एवं जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों के प्राचार्य भी मौजूद थे।