वाराणसी

बाल श्रमिकोंसे काम लेनेपर ५० हजार जुर्माना, दो वर्षकी सजाका प्राविधान


रोहनियां। ब्रिटिश हाई कमीशन से सहायतित एक्शनएड संस्था द्वारा संचालित बाल श्रम उन्मूलन एवं मानव तस्करी की रोकथाम हेतु संचालित फेज थ्री स्टार परियोजना के अंतर्गत बाल श्रम उन्मूलन एवं मानव तस्करी की रोकथाम हेतु एक दिवसीय जिला स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन सोमवार को आराजीलाइन ब्लाक के सभागार में किया गया था। जिसका शुभारंभ एक्शन एड के ज़िला कोआर्डिनेटर राजकुमार गुप्त ने किया। जनपद के आराजीलाइन ब्लाक में दो दर्जन से अधिक गांवों में चलाये जा रहे स्टार प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी दी गयी और आगे की रणनीति के बारे में बताया गया।इसी क्रम में श्रम विभाग से श्रम प्रवर्तन अधिकारी एसके सिन्हा के द्वारा बालश्रम निषेध और विनियमन संशोधन विधेयक (२०१६) के बारे में जानकारी दी साथ ही बाल श्रमिकों के पुनर्वासन हेतु चलाई जा रही। सरकारी योजनाओं के बारे में बताया। कहा कि १४ से १८ उम्र तक के बच्चों को खतरनाक कार्यो में लगाना प्रतिबंधित है। बाल श्रम कराते पकड़े जाने पर बाल श्रम कराने वाले को ५० हजार रुपए तक जुर्माना और दो वर्ष की सजा हो सकती है।प्रशिक्षण में बतौर अतिथि आराजी लाइन ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि डाक्टर महेंद्र सिंह पटेल ने कहा कि बाल श्रम एक सामाजिक कुप्रथा है इसका उन्मूलन मिलजुल कर करना हैं। १४ वर्ष तक बच्चों का शारीरिक एवं मानसिक विकास तेजी से होता हैं। खंड शिक्षा अधिकारी स्कंद गुप्त ने आउट आफ स्कूल एवं ड्राउप आउट बच्चों के नामांकन के लिए सहयोग की अपेक्षा की गई। उनके द्वारा बाल अधिकार जैसे जन्मए शिक्षाए संरक्षणए विकास व सहभागिता के अधिकार बारे ने विस्तार से जानकारी दी गयी। जिला पंचायत सदस्य योगीराज सिंह पटेल द्वारा मानव तस्करी, बाल तस्करी पर चर्चा व उस पर कार्यवाही व सज़ा के बारे में बताया गया। साथ ही बाल भिक्षावृत्ति के चिन्हीकरण पर सभी से सहयोग के लिए कहा गया। शिक्षिका पूजा गुप्ता के द्वारा बताया गया कि ऐसे बच्चों की सूचना दी जाय। उनके द्वारा टोल फ्री नंबर ११२, १०९०, १८१, १०९८, १०१, १०२, १०८ की जानकारी दी गयी। जिले स्तर पर बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड एवं उनके कार्यों के बारे में जानकारी दी गयी। आरटीई एक्टिविस्ट अजय पटेल द्वारा विद्यालय प्रबंधन समिति, आरटीई से बच्चों की पढ़ाई पर जानकारी दी गयी। पेंसिल पोर्टल के बारे में राजकुमार ने जानकारी दी। साथ ही कैसे किसी बाल श्रमिक की सूचना संबन्धित विभाग को दे इसकी भी जानकारी दी गयी। बाल श्रम एक बार कराने पर सजा तो है ही लेकिन दोबारा वहीं व्यक्ति बाल श्रम कराता पकड़ा जाय तो यह जुर्माना एवं सजा और अधिक होगी।
बाल श्रम पाये जाने की शिकायत तत्काल उस जिले के नोडल अधिकारी पर जाएगी और ४८ घंटे में काररवाई होगी। अंत में किस तरह प्रेरकों के साथ ताल मेल बना कर गांव से जिला स्तर तक निगरानी समिति का निर्माण कर बाल श्रम एवं मानव तस्करी को खत्म किया जा सकता है, इस पर चर्चा की गयी।
प्रशिक्षण में आराजीलाइन के दो दर्जन से अधिक प्रेरकों ने प्रतिभाग किया। जिसमें राजकुमार गुप्त, मनीष पटेल, आदर्श यादव, मनीष यादव, जैशलाल वर्मा, मनोज कुमार, योगीराज सिंह, शिवकुमार गुप्ता, पूजा गुप्त, सुरेश, रेनू, मोहित कुमार यादव, धर्मेन्द्र यादव, राहुल यादव, अवधेश यादव, मनीष कुमार पटेल, छोटेलाल, गोपाल, कुसुमलता, मुस्तफा, आशीष, प्रमोद कुमार आदि लोग शामिल थे।