पटना

बिहारशरीफ: कोविड पर नियंत्रण के लिए जिला प्रशासन द्वारा बाजार बंदी के आदेश का दिखा असर


      • सड़कों पर लोगों की तादाद घटी लेकिन पूरे दिन कई प्रकार के सामग्री विक्रेता जानकारी के अभाव में रहे उहापोह की स्थिति में
      • दुकानदार चाहते थे कि गाइडलाइन के अनुरूप बंदी में हो शरीक लेकिन उन्हें नहीं मिल सकी इसके बारे में सही जानकारी
      • अगर व्यापक प्रचार-प्रसार हुआ होता और अधिकारी सड़क पर उतरे होते तो और व्यापक होता इसका असर

बिहारशरीफ (आससे)। कोविड पर नियंत्रण के लिए राज्य सरकार के निर्देश के आलोक में नालंदा जिला प्रशासन ने भी प्रभावकारी नियंत्रण हेतु कदम बढ़ाया। इसके तहत बाजारों में अलग-अलग सामग्रियों के दुकान खोलने के लिए अलग-अलग तिथियां तय कर दी। जिला प्रशासन का यह आदेश 21 अप्रैल से प्रभावी होना था। कहने को तो आदेश प्रभावी हो गया, लेकिन सच यह रहा कि छोटे शहरों से लेकर जिला मुख्यालय बिहारशरीफ तक में दुकानदारों के बीच अफरातफरी का माहौल बना रहा। कभी शटर बंद होता दिखा तो कभी शटर खुलता दिखा। ऐसे ही शाम छः बज गया और फिर शटर डाउन हो गया। कमोबेश यही स्थिति कई सामग्री के दुकानदारों के बीच कल भी रहेगी। वजह साफ है जिला प्रशासन के आदेश के बावजूद ना तो कोई अधिकारी और कर्मचारी इसे इंप्लीमेंट कराने निकले और ना हीं कोई प्रचार-प्रसार दिखा। सच तो यह है कि प्रचार-प्रसार के नाम पर सिर्फ रस्म अदायगी हुई होगी।

इससे बड़ी विडंबना क्या होगी जब व्यवसायी अपना व्यवसाय त्याग कर दुकान बंदी को तैयार दिखे लेकिन सही जानकारी नहीं होने की वजह से अधिकांश प्रकार की दुकानों में उहापोह बनी रही। कुछ दुकानों में बंदी का असर जरूर दिखा, लेकिन एक बात यह जरूर दिखा कि सड़कों पर लोगों की तादाद काफी कम हो गयी। लग्न के मौसम में भी बुधवार को शहर की सड़कें सूनी-सूनी रही।

गाइडलाइन के अनुरूप आवश्यक सेवा से जुड़े दुकानों के अलावे कपड़ा, बर्तन, जूता-चप्पल, खेल सामग्री, टेलर, ड्राई क्लीनर्स, सैलून जैसी दुकानें बुधवार को खुलनी थी, जबकि इलेक्ट्रिक गुड्स, इलेक्ट्रॉनिक गुड्स, मोबाइल, कंप्यूटर, बैटरी, फर्नीचर, सोना-चांदी, कृषि कार्य यंत्र से जुड़े प्रतिष्ठान आज नहीं खुलने थे, लेकिन शहर ही नही जिले के अधिकांश स्थानों पर कृषि कार्य और यंत्र से जुड़ी दुकानें खुली रही।

आवश्यक सेवा में ऑटोमोबाइल वर्कशॉप, गैरेज, सर्विसिंग सेंटर, ऑटोमोबाइल्स, टायर एंड ट्यूब्स, ल्यूब्रिकेन्टस, स्पेयर पार्ट्स जिसमें मोटरवाहन, मोटरसाइकिल, साइकिल और स्कूटर मरम्मत की दुकानों को रखा गया था लेकिन इन सबसे अलग पाटर्स की दुकान के नाम पर एसेसरीज, नंबर प्लेट, स्टीकर, मोटर वाहन के अन्य साज-सज्जा सामग्री बेचने वाली अधिकांश दुकानें खुली रही। इसी प्रकार निर्माण सामग्री के भंडारण एवं बिक्री से संबंधित प्रतिष्ठान में सिमेंट, स्टील, बालू, स्टोन, गिट्टी, सिमेंट ब्लॉक, ईंट, प्लास्टिक पाइप, हार्डवेयर सेनेटरी फिटिंग, लोहा, पेंट, शटरिंग को रखा गया था।

लेकिन हार्डवेयर के नाम पर लोहा-लक्कड़ की दुकानें, नट-बोल्ट की दुकानें भी खुली रही। प्लास्टिक पाइप के नाम पर कृषि पर्पस के लिए डिलीवरी पाइप बेचने वाली दुकान भी खुली देखी गयी। कई दुकानदारों ने बंदी का तोड़ भी खोज लिया, जो एग्रीकल्चर उपकरण बेच रहे थे। गाड़ियों की साज-सज्जा की सामग्री बेच रहे थे, वैसे लोग अपनी दुकान के आगे ल्यूब्रिकेन्ट की पांच-दस जार रखकर आज अचानक ल्यूब्रिकेन्ट विक्रेता बन गये और प्रतिष्ठानों को खुला रखा। हालांकि इन सबसे अलग मोबाइल, रिचार्ज आदि की दुकानें बंद रही।

अनाज मंडी, फल मंडी और सब्जी मंडी के अलावे मीटर एवं मछली की दुकानें खुली जरूर लेकिन लोगों की भीड़ कम रही। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि दुकान बंदी के बाद काफी संख्या में सड़कों पर दिखने वाले लोगों में कमी आयी है। सड़कों पर इस कदर लोगों का आवागमन कम रहा मानों संडे या कोई और अवकाश हो। अगर जिला प्रशासन अपने आदेश को सही से अनुपालन करा ले तो निश्चित तौर पर बाजारों में भीड़-भाड़ में और कमी आयेगी।

हालांकि जिला पदाधिकारी ने सभी नगर निकायों के कार्यपालक पदाधिकारी, बिहारशरीफ नगर निगम के नगर आयुक्त के अलावे सभी बीडीओ एवं सीओ को निर्देश दिया था कि आदेश का अनुपालन कराये, लेकिन ऐसा दिखा नहीं। जबकि रामनवमी के कारण सड़कों पर सुरक्षा हेतु जगह-जगह पुलिस की तैनाती थी।