पटना

बिहारशरीफ: कोविड पर प्रभावकारी नियंत्रण- मई में जिले में कोविड पॉजीटिव रेट 16 था जो घट कर पहुंचा 0.5 पर्सेंट से भी नीचे


जिले के सरकारी और निजी क्षेत्र के अस्पतालों में कोविड का 866 बेड जहां मई में नहीं मिल रही थी जगह अभी भर्ती है मात्र  85 रोगी

              -:डॉ॰ कौशलेन्द्रः-

बिहारशरीफ (आससे)। जिले में कोरोना की रफ्रतार ना केवल घटी है बल्कि ब्रेक लगता दिख रहा है। स्थिति यही बनी रही तो जिले के लोग जल्द हीं कोरोना का जंग जीत लेंगे। मई के शुरुआती दिनों से लेकर अंतिम दिनों के एक्टिव केस या कहे रोज मिल रहे पॉजीटिव केस पर नजर डालने पर यह स्वतः स्पष्ट होगा कि कोविड के मामले में नालंदा में किस तरह प्रभावकारी नियंत्रण देखा गया है। जून की पहली तारीख जिले के लोगों के लिए सुकून भरी है। जिले में पहली जून को 3856 लोगों का कोविड टेस्ट किया गया जिसमें मात्र 16 लोग पॉजीटिव मिले।

इसके पूर्व 31 मई को हुए 4318 जांच में 42 तथा 30 मई को हुए 2991 जांच में 22 पॉजीटिव केस मिले थे। पहली जून को पॉजीटिव केस का प्रतिशत 0.41 हो गया है। अब जिले में कोरोना पॉजीटिवों की संख्या मात्र 614 बची है। पहली जून को 115 लोगों ने कोरोना का जंग जीता है। 31 मई को पॉजीटिव केस की संख्या 718 थी और 90 लोगों ने कोविड का जंग जीता था। जबकि 30 मई को एक्टिव केस की संख्या 776 थी और 128 लोग पॉजीटिव से निगेटिव हुए थे।

जिले में कोविड की रफ्तार पर नजर डाली जाय तो 07 मई को जिले में कुल 2032 लेागों का कोविड टेस्ट हुआ था और तब 275 लोग संक्रमित मिले थे। उस वक्त पॉजीटिव दर 13.5 था। 10 एवं 11 मई को कोविड पॉजीटिव रेट बढ़कर 15 से 16 प्रतिशत हो गया था। इसके बाद समय के साथ-साथ रफ्तार कमती गयी। 14 मई को 3449 टेस्टिंग हुआ जिसमें 360 लोग पॉजीटिव मिले और तब कोविड पॉजीटिव प्रतिशत 10.4 था। 19 मई से रफ्तार थोड़ी कम हुई 5006 टेस्टिंग हुआ और 143 पॉजीटिव मिले। कोविड पॉजीटिव दर 2.9 पहुंचा। 25 मई को 5167 टेस्ट लिये गये 75 पॉजीटिव मिले। कोविड पॉजीटिव दर 1.5 पहुंचा। 28 मई को 2978 सैंपल लिये गये 28 लोग पॉजीटिव मिले और संक्रमण दर घटकर 1 प्रतिशत से नीचे 0.9 हुआ। 31 मई को 2557 जांच में 14 पॉजीटिव मिले और संक्रमण दर 0.5 पहुंचा। मई महीने में एवरेज कोविड पॉजीटिव दर 4.3 था।

कोविड केसों की संख्या तेजी से घट रही है। इसमें कोई दो राय नहीं। यही वजह है कि कोविड डेडिकेटेड हॉस्पीटल चाह वह सरकारी हो या निजी में बेड खाली होने लगे है। जिले में विम्स में डिस्ट्रिक्ट कोविड हॉस्पीटल है में 280 कोविड बेड है, जिसके सभी बेड ऑक्सीजन युक्त है। 17 आईसीयू है, 17 वेंटिलेटर है। इनमें से 56 बेड अभी ऑक्यूपाइड है। इसके अलावे बीड़ी अस्पताल बिहारशरीफ, अशोका बैंक्वेट हॉल राजगीर, एसयू कॉलेज हिलसा, डायट नूरसराय तथा रामबाबू हाई स्कूल हिलसा डीसीएचसी या सीसीसी है। इनमें कुल बेडों की संख्या 445 है, जिनमें 180 बेड ऑक्सीजन युक्त है। 31 मई को बीड़ी अस्पताल में पांच बेड भरा था इसके अलावे सभी अस्पतालों का बेड खाली था। सरकारी क्षेत्र में कोविड के लिए 725 बेड का अस्पताल है, जिसमें 407 बेड ऑक्सीजन युक्त तथा 17 वेंटिलेटर और आईसीयू युक्त है।

निजी क्षेत्र में सरकार द्वारा अधिकृत आठ अस्पताल में कोविड रोगी भर्ती रखे जाते है, जो डीसीएचसी है। इनमें से जीवन ज्योति के पास 18 ऑक्सीजन युक्त बेड जिसमें सात आईसीयू और तीन वेंटिलेटर है। अभी आठ रोगी यहां भर्ती है जबकि दिव्य ज्योति हॉस्पीटल कागजी मोहल्ला में 11 ऑक्सीजन युक्त बेड, 5 आईसीयू है, जिसमें 11 रोगी भर्ती है। रंजय इंस्टीच्यूट ऑफ मेडिकल साइंस बिहारशरीफ में 30 कोविड बेड है, जिसमें 20 ऑक्सीजन युक्त, 20 आईसीयू तथा 3 वेंटिलेटर युक्त बेड है। यहां दो रोगी भर्ती है। अंजू हॉस्पीटल सोहसराय में 24 ऑक्सीजन युक्त बेड, 9 आईसीयू और 2 वेंटिलेटर है, जहां एक भी रोगी नहीं है।

एसजी हॉस्पीटल बारादरी में 22 ऑक्सीजन युक्त बेड, 10 आईसीयू और 2 वेंटिलेटर है। एक रोगी यहां एडमिट है। कुमार हॉस्पीटल खंदकपर में 12 बेड ऑक्सीजन युक्त, 10 आईसीयू और एक वेंटिलेटर वाला अस्पताल है, जहां दो रोगी भर्ती है। नालंदा इमरजेंसी हॉस्पीटल एतवारी बाजार में 13 ऑक्सीजन युक्त बेड तथा 8 आईसीयू है। यहां एक भी रोगी नहीं है। जबकि रिवाइवल हॉस्पीटल एंड ट्रॉमा सेंटर देवीसराय में कुल 11 ऑक्सीजन युक्त बेड, आठ आईसीयू एवं एक वेंटिलेटर है। यहां भी एक भी रोगी भर्ती नहीं है। कुल मिलाकर निजी क्षेत्र के 141 बेडों में 24 बेड रोगी से ऑक्यूपाइड है।

जिले में कुल 866 कोविड बेड का अलग-अलग हॉस्पीटल है, जिसमें अभी मात्र 85 बेड भरे है जबकि मई के शुरुआती सप्ताह में प्रायः बेड भरे मिल रहे थे। पैरवी और प्रयास के बाद भी अस्पतालों में बेड उपलब्ध नहीं था। निश्चित तौर पर यह आंकड़ा बता रहा है कि जिले के कोविड के केसों में तेजी से गिरावट आयी है।