पटना

बिहारशरीफ: जिले में सड़कों की बिछी जाल लेकिन रखरखाव के मामले में फिसड्डी


  • सड़कों की देखरेख के लिए एक अधीक्षण अभियंता और चार डिवीजन गठित लेकिन संवेदकों की मनमानी से सड़क की हालत दयनीय
  • 874 ग्रामीण सड़कों में 606 की हुई जांच, जिसमें 109 पाया गया काफी खराब तथा 144 की स्थिति भी बदतर

बिहारशरीफ (आससे)। जिले के हर गांव को पक्की सड़क से जोड़ा जा चुका है। टोले और कस्बे भी जुड़ रहे है। कई गांवों में एक से अधिक ग्रामीण सड़क भी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ग्रामीण सड़कों के रखरखाव के लिए अनुश्रवण नीति तय की है। लेकिन जिले की स्थिति कुछ इससे भिन्न है। सड़कों के रखरखाव की हालत बद से बदतर कही जा सकती है। लगभग 30 फीसदी से अधिक सड़कों की मरम्मत नहीं करायी जा सकी है, जिसकी हालत दयनीय है।

प्राप्त डाटा के अनुसार जिले में ग्रामीण सड़कों की संख्या 874 है, जिसमें 606 सड़कों की जांच अधिकारियों द्वारा की गयी, जिसमें 109 की हालत काफी खराब पायी गयी, जबकि 144 अन्य सड़क भी खराब पाये गये। नये प्रावधान के तहत जिले में बनी सड़कों का पांचवर्षीय रखरखाव संवेदकों की जिम्मेवारी है, लेकिन इसका अनुपालन कराना विभागीय अभियंताओं की जिम्मेवारी है, लेकिन चर्चा यह है कि सड़क बन जाने के बाद रखरखाव के मामले में संवेदक कोताही बरतते है। सड़क बनाने के बजाय इसमें खर्च होने वाली राशि का हिस्सा अभियंताओं तक पहुंचाते है और सड़क की स्थिति खराब होनी शुरू हो जाती है।

यही वजह है कि जिले की कई ऐसी ग्रामीण सड़क है, जिसका आयु पांच साल पूरा नहीं हुआ है लेकिन स्थिति बदतर होती जा रही है। हालांकि विभाग का दावा है कि ग्रामीण सड़कों की जांच करायी जाती है और संवेदकों की लापरवाही देखे जाने पर कार्रवाई भी होती है। इसके तहत कई ठेकेदारों को काली सूची में डालकर डी-वार भी किया जा चुका है। लगभग 150 संवेदकों पर कार्रवाई हुई है या होने वाली है।

जिले में ग्रामीण सड़कों का निर्माण मुख्यतः प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना, मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना, नाबार्ड, एमएमजीएसवाई, जीटीएसएनवाई मदों से हुई है।

जिले में मौजूदा सरकार ने ग्रामीण पथों की देखरेख के लिए कार्य डिवजीन बनाया है। पहले बिहारशरीफ और हिलसा दो डिविजन हुआ करता था, लेकिन राजगीर और हरनौत नया डिवीजन बनाया गया। इसके उपर बिहारशरीफ में एक अधीक्षण अभियंता की पदस्थापना की गयी। बिहारशरीफ डिवीजन में कुल 262 सड़क में 35 सड़क की हालत खराब है। 113 सड़क सही पाया गया। हरनौत में 154 सड़क में 104 की हालत खराब है।

हालांकि इस डिवीजन में कुल 224 सड़क है, जिसमें से 154 की जांच हुई है। 65 की हालत अत्यंत दयनीय बतायी गयी, जबकि 39 की हालत ठीक नहीं मानी गयी। 40 सड़कें हीं सही पायी गयी। राजगीर में 166 में से 74 सड़क खराब मिले। हिलसा के 222 ग्रामीण सड़कों में 35 सड़कें काफी खराब है। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि ग्रामीण पथों के रखरखाव और मरम्मती के मामले में जिले के चार डिवीजनों में सबसे बदतर हालत हरनौत डिवीजन की रही है।