पटना

बिहारशरीफ: वाहन में सुधा का ब्रांडिंग और अंदर में देसी शराब की अवैध खेप


  • हरनौत थाना क्षेत्र अंतर्गत उत्पाद एवं नालंदा पुलिस की टीम ने 135 कार्टून झारखंड निर्मित देसी शराब जिसका मूल्य लगभग तीन लाख रुपया है की बरामद
  • नालंदा डेयरी के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी ने कहा कि छः माह पूर्व ही उत्पाद परिवहनकर्ता सह वितरक के माध्यम से चलने वाला उक्त वाहन को निकाला जा चुका था
  • 20-25 दिन पूर्व हरनौत थाना के इसी इलाके में जब्त हुई थी लाखों की विदेशी शराब
  • दो धंधेबाज वाहन मालिक और चालक के विरुद्ध दर्ज हुई प्राथमिकी लेकिन किसी की गिरफ्तारी नहीं

बिहारशरीफ (आससे)। उत्पाद विभाग तथा नालंदा पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में एक वाहन से लगभग चार लाख रुपये मूल्य का अवैध देसी शराब जब्त किया गया। यह छापामारी बुधवार की देर शाम हरनौत थाना क्षेत्र के पचौरा गांव के पास हुई। पुलिस के पहुंचते ही वाहन चालक और धंधे का सरगना फरार हो गया। जिस गाड़ी से शराब जब्त हुई है उसपर सुधा डेयरी का ब्रांडिंग किया हुआ है।

हालांकि नालंदा डेयरी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी पीके सिन्हा ने इस गाड़ी से सुधा डेयरी का कोई संबंध नहीं बताया है। उन्होंने कहा है कि छः महीना पूर्व ही पूर्व के संवेदक की निविदा समाप्त हुई थी, जिसके बाद से इस गाड़ी का परिचालन नालंदा डेयरी में नहीं हो रहा था। हालांकि अभी तक इस वाहन में नालंदा डेयरी का ब्रांडिंग है।

उत्पाद अधीक्षक ने बताया कि एक वाहन से 135 कार्टून देसी शराब बरामद किया गया है। यह देसी शराब झारखंड निर्मित है और झारखंड में ही इसकी आपूर्ति होती है। लेकिन धंधेबाज शराब की खेप झारखंड से लेकर यहां पहुंची थी, लेकिन इसी बीच वह पकड़ा गया। गुप्त सूचना के आधार पर यह छापामारी की गयी थी और सड़क पर खड़ी सुधा दूध की ब्रांडिंग वाली गाड़ी को जब खोला गया तो उसके अंदर से दूध की जगह देसी शराब का पाउच बरामद हुआ। वाहन चालक, वाहन के मालिक तथा इस धंधे का सूत्रधार जितेंद्र कुमार जो हरनौत थाना के पचौरा गांव का है तथा वेना बाजार के राजकुमार साव के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

इधर दूसरी ओर नालंदा डेयरी के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी पीके सिन्हा ने एक सूचना निर्गत की है, जिसमें उन्होंने कहा है कि टाटा एईएक्सएल जिसका नंबर बीआर21जीबी-0637 जिसकी बॉडी पर नालंदा डेयरी एवं सुधा के विज्ञापन प्रिंट है 09 अक्टूबर 2020 तक दूध एवं दुग्ध उत्पाद परिवहनकर्ता सह वितरक के माध्यम से नालंदा डेयरी से जुड़ी हुई थी। लगभग छः माह से उक्त वाहन नालंदा डेयरी से जुड़ा हुआ नहीं हैं सोशल मीडिया से जानकारी हुई कि प्रशासन द्वारा उक्त वाहन को गलत कार्य में लिप्त पाया गया है।

बताते चले कि नालंदा डेयरी से निकाले जाने के बाद यह गाड़ी सुधा और नालंदा डेयरी के ब्रांडिंग के आड़ में अवैध शराब के धंधे में संलिप्त था, जिसकी जानकारी उत्पाद विभाग और नालंदा पुलिस को लगी। इसी क्रम में आज यह उद्भेदन हुआ। बताते चले कि पचौरा गांव के पास से 20-25 दिन पूर्व लगभग 20 लाख रुपये मूल्य का अंग्रेजी शराब बरामद हुआ था। आज इसी के आसपास में यह बड़ी बरामदगी हुई है। निश्चित तौर पर शराब का अवैध कारोबारियों का आसपास के इलाकों से गहरा रिश्ता रहा होगा।