पटना

बिहारशरीफ: शिक्षा विभाग ने निदेशक को भेजा 342 शिक्षकों की सूची


    • सूची वैसे शिक्षकों की जिनका फोल्डर ना तो है निगरानी के पास और ना ही वेब पोर्टल पर है दर्ज
    • जिनका सूची भेजा गया उनमें 32 की हो चुकी है मौत, 48 ने नहीं किया योगदान, पकड़े जाने के भय से 125 ने दिया त्याग पत्र, लगभग तीन दर्जन फर्जी पकड़े जाने पर किये गये बरखाश्त, नौ हो चुके हैं रिटायर

बिहारशरीफ (आससे)। शिक्षक नियोजन में अनियमितता के बाद प्रमाण पत्रों की चल रही निगरानी जांच के मामले में विभाग के लगातार कड़े रूख को देखते हुए नालंदा जिला शिक्षा विभाग ने वैसे शिक्षकों का फोल्डर निदेशक प्राथमिक शिक्षा को उपलब्ध कराया है, जिनका प्रमाण पत्र जांच हेतु निगरानी पदाधिकारी को सुपूर्द नहीं किया गया है।

जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना ने डायरेक्टर प्राइमरी एजुकेशन को पत्र भेजा है, जिसमें वेब पोर्टल पर अपलोड नहीं होने वाले 342 शिक्षकों का सूची भेजा है और कहा है कि ये वैसे शिक्षक है जिनका फोल्डर ना तो निगरानी विभाग को दिया गया है और ना वेब पोर्टल पर अपलोड किया गया है। बताया गया कि ये 342 वैसे शिक्षक है जो या तो त्याग पत्र दे चुके है या सेवा मुक्त हो चुके है, या उनकी मौत हो गयी है या फिर लंबी अवधि से अनुपस्थित है। निगरानी द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराने आदि कारण से आधार पर यूएएन खाता नहीं खोला गया था। इन कारणों से विभागीय वेबसाइट पर अपलोड नहीं हो पाया है। स्थापना डीपीओ ने यह स्पष्ट कहा है कि इनके अलावे अन्य शिक्षकों का वेब पोर्टल पर सूचना उपलब्ध है।

बताते चले कि जिले में कुल फोल्डरों की संख्या 9535 थी, जिनमें निगरानी को 7616 फोल्डर दिया गया था और 1577 शिक्षकों का डिटेल वेब पोर्टल पर अपलोड किया गया था। 342 शिक्षक का डाटा उपरोक्त कारणों से अपलोड नहीं हो सका है। डायरेक्टर प्राइमरी एजुकेशन को भेजे गये सूची में यह बताया गया है कि जिन शिक्षकों का प्रमाण पत्र ना पोर्टल पर लोड किया गया है और ना निगरानी को दिया गया है। ये वैसे शिक्षक है जिनकी या तो मौत हो चुकी है, या योगदान नहीं दिये है या विभिन्न कारणों से त्याग पत्र दिये हैं, रिटायर हो चुके है या फर्जी नियुक्ति हुई है।

सूची पर नजर डाली जाय तो 32 ऐसे शिक्षक थे जिनकी मौत हो चुकी है, जबकि 48 ने योगदान हीं नहीं दिया। कारण क्या है यह स्पष्ट नहीं है। 125 शिक्षकों ने त्याग पत्र दिया है। बताया जाता है कि इनमें से प्रायः वैसे लोग है, जिनकी नियुक्ति गलत प्रमाण पत्रें पर या गलत तरीके से हुई और जांच के भय से पहले हीं त्याग पत्र देकर भाग चुके है, जबकि 24 शिक्षक फर्जी बहाल है यह पकड़ा जा चुका है। कई ऐसे शिक्षक है, जिनके बारे में बताया गया है कि वे सेवामुक्त हो चुके है। यानी कि उन्हें बरखास्त किया जा चुका है। 9 ऐसे शिक्षक है जो रिटायर कर चुके है, जबकि दर्जन भर से अधिक ऐसे शिक्षक है जिनकी नियुक्ति् 34005 संवर्ग में हो चुकी है।