पटना

बिहार को नयी ऊंचाई पर ले जायेंगे : नीतीश


मुख्यमंत्री ने बिहार म्यूजियम विनाले-2021 का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से किया उद्घाटन

पटना (आससे)। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार दिवस के अवसर पर आयोजित बिहार म्यूजियम विनाले-२०२१ का उद्घाटन रिमोट के माध्यम से शिलापट्ट का अनावरण कर किया। बिहार म्यूजियम के ओरिएंटेशन थिएटर में आयोजित बिहार म्यूजियम विनाले- २०२१ कार्यक्रम में मुख्यमंत्री १ अणे मार्ग स्थित नेक संवाद में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने बिहार, इंडिया एंड द वर्ल्ड : सेलिबे्रटिंग म्यूजियम कलेक्शन तथा बिहार म्यूजियम गाइड पुस्तक का विमोचन किया। इसके पश्चात सीएसएमवीएस इंस्टीच्यूट मुंबई के डायरेक्टर जनरल सव्यसाची मुखर्जी एवं भारत में फ्रांस के राजदूत एचई इमैनुएल लिनैन का वर्चुअल शुभकामना संदेश प्रसारित किया गया।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार दिवस के अवसर पर आज बिहार म्यूजियम विनाले-२०२१ की शुरूआत की गयी है। मैं इसके लिए आप सभी को बधाई देता हूं। बिहार म्यूजियम विनाले कार्यक्रम पिछले वर्ष ही होनेवाला था लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के कारण इसे स्थगित करना पड़ा। उन्होंने कहा कि इस विनाले के अवसर पर आयोजित दो दिवसीय वर्चुअल कॉन्फ्रेंसि में २० संग्रहालयों की प्रस्तुति होगी और ८ मास्टर क्लासेस होंगे। उन्होंने कहा कि पटना म्यूजियम सिर्फ बिहार ही नहीं पूरे देश की धरोहर है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि १४ अक्टूबर, २०१७ को पटना में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री शामिल हुए थे। उस दिन कार्यक्रम के बाद उन्होंने बिहार म्यूजियम को देखने की इच्छा प्रकटकी और करीब डेढ़ घंटे तक उन्होंने बिहार म्यूजियम का भ्रमण किया। अब प्रतिदिन हजारों की संख्या  में लोग बिहार म्यूजियम को देखने आ रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रख्यात मनीषी पंडित राहुल सांस्कृत्यायन द्वारा तिब्बत से लायी गयी पांडुलिपियों को पटना संग्रहालय में ही रखने का निर्णय लिया गया है। उसका हिंदी, अंगे्रजी सहित विभिन्न भाषाओं में तिब्बत से जुड़े लोगों से अनुवाद करवाइए ताकि नयी पीढ़ी के लोगों को तिब्बत के बारे में अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त हो सके। पटना संग्रहालय में नेचुरल हिस्ट्री गैलरी भी होगी जहां दो करोड़ वर्ष पुरानी चीड़ प्रजाति के वृक्ष के जीवाश्म भी संरक्षित होंगे।

इसके अलावा पटना संग्रहालय में भारत के प्रथम राष्टï्रपति डा. राजेन्द्र प्रसाद के नाम पर डा. राजेन्द्र प्रसाद दीर्घा, पंडित राहुल सांस्कृत्यायन गैलरी, आर्ट गैलरी, पेंटिंग गैलरी, भगवान बुद्ध अस्थि कलश दीर्घा प्रमुख हैं। पटना संग्रहालय से भगवान बुद्ध की अस्थि कलश को वैशाली बुद्ध सम्यक दश्रन ले जाया जाएगा। पटना म्यूजियम जाने वाले लोग बिहार म्यूजियम भी जा सकें, इसके लेकर काम किया जायेगा। उन्होंने कहा कि पटना और बिहार म्यूजियम को अंडरग्राउंड जोडऩे की हमारी ख्वाहिश है। बिहार म्यूजियम अंतरराष्ट्रीय स्तर का म्यूजियम हे इसके साथ पटना म्यूजियम जुड़ा रहेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण का खतरा नहीं होता तो बिहार म्यूजियम विनाले-२०२१ के कार्यक्रम का दृश्य काफी सुंदर होता। मुझे पूरा भरोसा है कि कुछ दिनों के बाद हम सबको कोरोना से मुक्ति मिलेगी। उन्होंने कहा कि संग्रहालय का रख रखाव ठीक ढंग से होना चाहिए। पटना म्यूजियम के विस्तार का कार्य भी जारी है। देश के बाहर बिहार म्यूजियम की काफी चर्चा है और इसे अब तक कई अवार्ड भी मिल चुके हैं।

सभी स्कूली बच्चों को बिहार म्यूजियम दिखाने की भी योजना है ताकि वे अपने इतिहास को बेहतर तरीके से समझ सकें। उन्होंने कहा कि बिहार म्यूजियम को बेहतर तरीके से संचालित करते हुए इसकी प्रतिष्ठा को कायम रखना है। बिहार का इतिहास काफी गौरवशाली है, हम गौरव के उस स्थान को पुन: प्राप्त कर बिहार को नई ऊंचाई पर ले जायेंगे।

कार्यक्रम को उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, उपमुख्यमंत्री श्रीमती रेणु देवी, शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी, कला संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री आलोक रंजन एवं मुख्यमंत्री के परामर्शी अंजनी कुमार सिंह ने भी सम्बोधित किया।

इस अवसर पर नेक संवाद में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह उपस्थित थे।

जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कला संस्कृति एवं युवा विभाग के प्रधान सचिव रवि मनुभाई परमार, कला संस्कृति विभाग के अपर सचिव सह बिहार म्यूजियम के निदेशक दीपक आनंद, बिहार म्यूजियम विनाले- २०२१ की प्रोजेक्ट डायरेक्टर अलका पांडेय सहित देश-विदेश से कला प्रेमी गण एवं कला संस्कृति एवं युवा विभाग के अन्य पदाधिकारी एवं कर्मीगण जुड़े हुए थे।