पटना

बिहार में नहीं लागू होगी पुरानी पेंशन योजना


करों की हिस्सेदारी में बिहार को मिली कम राशि : तारकिशोर

      • बिहार के बैंकर्स क्रेडिट कार्ड बांटने में हैं फिसड्डी

(आज समाचार सेवा)

पटना। उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने माना कि करोडों की हिस्सेदारी में बिहार का वाजिब हक नहीं मिला है। बिहार के बैंकर्स लक्ष्य के अनुरूप क्रेडिट कार्ड का वितरण नहीं कर रहे हैं। जबकि इसक मुद्दे को कई स्तर पर उठाया गया है। राज्य सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया सिर्फ माँनिटरिंग करती है। लक्ष्य के अनुरूप कर्ज नहीं देने वाले बैंकों पर कोई कार्रवाई नहीं कर सकती। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि राज्य में राज्यकर्मियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने की योजना फिलहाल विचाराधीन नहीं है।

एआइएएम के अख्तरूल इमान के जवाब में वित्त मंत्री ने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष में १०.३१ लाख किसानों के क्रेडिट कार्ड रिन्यूवल किया गया जो लक्ष्य से काफी कम है। सरकार के लिए यह चिंता का विषय है। समय-समय पर एसएलबीसी की बैठक में मॉनीटरिंग की जाती है। अगले कुछ दिन एक बार फिर एसएलबीसी की प्रस्तावित बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की जायेगी। हालांकि अख्तरूल इमान का कहना था कि सीमांचल के किसान साहूकारों के चंगुल में हैं उन्हें साहूकारों के चंगुल से निकालने के लिए केसीसी अच्छी योजना थी। सरकार किशनगंज के किसानों को राहत देने के लिए क्या योजना लागू करने जा रही है।

राजद के आलोक कुमार मेहता के सवाल के जवाब में वित्त मंत्री ने कहा कि बिहार केंद्रीय संकल्पों के जरिये कर्मचारियों को राहत देने का निर्णय लेती है। एक राज्य यदि पुरानी पेंशन को लागू करने की घोषणा की है इसका ये मतलब नहीं कि इसे पूरे देश में लागू की जाये। सरकार के समक्ष ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। राजद के ललित कुमार यादव के सवाल के जवाब में कहा कि आने वाले तीन वर्षों में कर राजस्व संग्रह की स्थिति सुधरने के आसार है। ऐसे में बिहार को केंद्र से करों की हिस्सेदारी के तहत अच्छी खासी राशि मिलेगी।

श्री यादव का कहना था कि बिहार पिछले तीन वित्तीय वर्ष से केंद्रीय करों से मिलने वाले राशि के लक्ष्य से ३९ हजार करोड़ रुपये केंद्र से कम मिले हैं। इससे राज्य की योजनाएं प्रभावित हो रही है। अरुण कुमार सिंह के सवाल के जवाब में उद्योग मंत्री सैयद शहनवाज हुसैन ने बताया कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार उद्यमिता के लिए एससी-एसटी एवं अति पिछड़ों से आवेदन के वक्त लिये जाने वाले जीएसटी को बंद कर दिया गया है।