पटना

बिहार में 40518 प्रधान शिक्षक व 5334 प्रधानाध्यापक के पद हुए सृजित


(आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। राज्य के प्राथमिक विद्यालयों के लिए प्रधान शिक्षकों के 40,518 एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों के लिए 5,334 पद सृजित किये गये हैं। इसके साथ ही प्राथमिक विद्यालयों में 40,518 प्रधान शिक्षकों  एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में 5,334 प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। प्रधान शिक्षकों एवं प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति बिहार लोक सेवा आयोग के माध्यम से लिखित परीक्षा के आधार पर होनी है।

पंचायतीराज संस्था एवं नगर निकाय संस्था के अधीन पंचायत प्रारंभिक शिक्षक-नगर प्रारंभिक शिक्षक के मूल कोटि के स्वीकृत 40,518 पद को प्रत्यार्पित करते हुए शिक्षा विभाग के नियंत्रणाधीन राजकीयकृत प्राथमिक विद्यालयों में 40,518 प्रधान शिक्षक के पद सृजन के प्रस्ताव पर मंगलवार को कैबिनेट ने अपनी स्वीकृति दे दी। इसी प्रकार राज्य के माध्यमिक विद्यालय विहीन पंचायतों में स्थापित उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापकों के 5,334 पदों के सृजन के प्रस्ताव पर भी कैबिनेट ने अपनी स्वीकृति दे दी।

इसके पहले राजकीयकृत प्राथमिक विद्यालयों में 40,518 प्रधान शिक्षक एवं माध्यमिक विद्यालय विहीन पंचायतों में स्थापित उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक के 5,334 पदों के सृजन का प्रस्ताव प्रशासी पदवर्ग समिति में गया था। प्रशासी पदवर्ग समिति की स्वीकृति के बाद यह प्रस्ताव कैबिनेट में भेजा गया था।

कैबिनेट की मंजूरी के बाद अब इससे संबंधित अधिसूचना जारी होगी और उसके बाद प्रधान शिक्षकों एवं प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति के लिए अधियाचना बिहार लोक सेवा आयोग को भेजी जायेगी। उसके बाद आयोग द्वारा परीक्षा ली जायेगी। परीक्षा के लिए शिक्षा विभाग के सहयोग से आयोग सिलेबस बनायेगा। आपको बता दूं कि प्राथमिक विद्यालय के प्रधान शिक्षक का अलग संवर्ग होगा। यह संवर्ग जिला स्तर का होगा। प्रधान शिक्षक के सभी पद सीधी नियुक्ति से भरे जायेंगे। इसके लिए स्नातक एवं डीएलएड/ बीटी/ बीएएड/ बीएससीएड/ बीएलएड की योग्यता आवश्यक होगी।

अनुभव के तहत राज्य सरकार के विद्यालय में पंचायतीराज संस्था एवं नगर निकाय संस्था अंतर्गत पंचायत प्रारंभिक शिक्षक/ नगर प्रारंभिक शिक्षक के मूल कोटि के पद पर न्यूनतम आठ वर्ष की लगातार सेवा तथा पंचायतीराज संस्था एवं नगर निकाय संस्था अंतर्गत स्नातक शिक्षक, जिनकी सेवा सम्पुष्टï होनी चाहिये। अनुभव की अवधि की गणना योगदान की तिथि अथवा प्रशिक्षण अर्हता प्राप्त करने की तिथि, जो बाद की तिथि हो, के आधार पर की जायेगी। आयोग अथवा विभाग द्वारा  संचालित लिखित परीक्षा के आधार पर की गयी अनुशंसा के आलोक में प्रधान शिक्षक के पद पर नियुक्ति की जायेगी।

प्रधान शिक्षक के पद का वेतनादि राज्य सरकार द्वारा निर्धारित किये जायेंगे, जो समय-समय पर किये जाने वाले वेतन पुनरीक्षण के आलोक में परिवर्तनीय होंगे। प्रधान शिक्षक का पद बल वही होगा, जो सरकार द्वारा समय-समय पर निर्धारित किया जायेगा। राज्यकर्मियों के लिए लागू अन्य सेवाशर्त इन पर भी प्रभावी होगा। दूसरी ओर शिक्षा विभाग के नियंत्रणाधीन उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक का संवर्ग प्रमंडल स्तर का होगा। प्रधानाध्यापक के सभी पद सीधी नियुक्ति से भरे जायेंगे। इसके लिए स्नातकोत्तर एवं बीएड की योग्यता आवश्यक होगी।


मूल वेतन होगा 35 हजार

पटना (आशिप्र)। उच्च माध्यमिक विद्यालयों में नियुक्त होने वाले प्रधानाध्यापकों का मूल वेतन पैंतीस हजार रुपये होगा। मूल वेतन में महंगाई भत्ता एवं आवास भत्ता सहित अन्य भत्ते की राशि जुड़ेगी। आपको बता दूं कि राज्य में माध्यमिक विद्यालय विहीन पंचायतों में सरकार द्वारा एक-एक उच्च माध्यमिक विद्यालय खोले गये हैं। ऐसे 5,334 उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक नियुक्त किये जाने हैं। इसके साथ ही राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत 1,087 माध्यमिक विद्यालय खोले गये हैं, जो उच्च माध्यमिक हो चुके हैं। इनमें प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति होनी है। प्रधानाध्यापकों के पद नये वेतन संरचना के हैं। इसी प्रकार प्राथमिक विद्यालयों के प्रधान शिक्षकों के पद भी नये वेतन संरचना के हैं।  


अनुभव के तहत राज्य सरकार के विद्यालय में पंचायतीराज संस्था एवं नगर निकाय संस्था अंतर्गत माध्यमिक शिक्षक पद पर न्यूनतम 10 वर्ष की लगातार सेवा, सीबीएसई/ आईसीएसई/ बीएसईबी से स्थायी सम्बद्धता प्राप्त विद्यालय में माध्यमिक शिक्षक के पद पर न्यूनतम 12 वर्ष की लगातार सेवा, राज्य सरकार के विद्यालय में पंचायतीराज संस्था एवं नगर निकाय संस्था अंतर्गत  उच्च माध्यमिक शिक्षक के पद पर न्यूनतम आठ वर्ष की लगातार सेवा तथा सीबीएसई/ आईसीएसई/ बीएसईबी से स्थायी सम्बद्धता प्राप्त विद्यालय में उच्च माध्यमिक शिक्षक के पद पर न्यूनतम 10 वर्ष की लगातार सेवा होनी चाहिये।

अनुभव की अवधि की गणना योगदान की तिथि अथवा प्रशिक्षण अर्हता प्राप्त करने की तिथि, जो बाद की तिथि हो, के आधार पर की जायेगी। बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा लिखित परीक्षा के आधार पर प्रधानाध्यापक के पद पर नियुक्ति की जायेगी। प्रधानाध्यापक की अन्य सेवा शर्तें राज्य सरकार के कर्मियों के समान ही होगी।