पटना

बेगूसराय: खाता ना बही जो विद्यालय प्रधान कहें वही सही


बेगूसराय (आससे)। खाता ना बही जो विद्यालय प्रधान कहें वही सही। यह हालात उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय कुसमहौत का हो चला है। बताते चलें कि उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय कुसमहौत के शिक्षक राहुल कुमार ने एक लिखित आवेदन जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय में दिया था। जिसमें आरोप लगाया था कि प्रभारी प्रधान अजय कुमार छात्र कोष और विकास कोष का खाता नहीं खुलवाए हैं। सबसे दिलचस्प पहलू उक्त विद्यालय का यह है कि जो भी विद्यालय प्रभारी प्रधान बने वे खाता खुलवाए ही नहीं और राशि को अपने पॉकेट में रख चलते बने।

ना तो विद्यालय प्रधान के पास कोई हिसाब-किताब है और ना ही इसकी कोई लेखा-जोखा का रजिस्टर है। इसी संदर्भ में जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय में सुनवाई के दौरान उक्त मामला उजागर हुआ। बताते चलें कि 2014 में मध्य विद्यालय से उत्क्रमित होकर उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय बना। जिसके पहले विद्यालय प्रभारी प्रधान विनय कुमार थे। विनय कुमार के बाद संजीत कुमार बने, इसके बाद विजय कुमार बने, तो वहीं बाद में अजय कुमार विद्यालय प्रभारी बने। इस तरह से लगातार विद्यालय प्रभारी प्रधान का प्रभार आदान-प्रदान विजय कुमार संजीत कुमार और अजय कुमार के बीच चलता रहा। लेकिन कोई भी विद्यालय के प्रभारी प्रधान ने छात्र कोष एवं विकास कोष के खाते नहीं खुलवाएं।

बताते चलें कि वर्ष में दो बार विभिन्न तरह के शुल्क छात्रों से ली जाती है। सबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि आखिरकार विद्यालय के प्रभारी प्रधान ने अब तक क्यों नहीं खाते खुलवाए थे। वहीं बताते चलें कि सभी उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय में प्रबंध कार्यकारिणी की कमेटी भी गठित है। इसके बावजूद भी अनदेखी अगर हुई है तो किसके कहने पर।

मिली जानकारी के अनुसार उक्त विद्यालय में लगभग 100 से 125 के करीब छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं जिनके द्वारा विभिन्न तरह के शुल्क दिए जाते हैं। सभी विद्यालय प्रभारी प्रधान एक दूसरे पर आरोप लगाकर बचते रहे हैं। यह हालात कुछ और उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय का है। आखिरकार छात्रों से ली गई राशि कहाँ गयी है। यह एक जाँच का विषय है।