पटना

बेगूसराय शिक्षा विभाग में फाइल जाँच सिर्फ जाँच बन कर रह जाती है


बेगूसराय (आससे)। जिले के शिक्षा विभाग में फाइल जाँच सिर्फ जाँच बन कर रह जाती है। कब होगी जांच पूरी, ताक रहे हैं शिक्षक आस लगाए। जांच रिपोर्ट की फाइल मोटी होती रही, लेकिन नहीं निकला निदान। वहीं फरियादी जिला शिक्षा पदाधिकारी से भी फरियाद लगा चुके हैं। बताते चलें कि सदर प्रखंड के नगर निगम क्षेत्र में पड़ने वाले हेमरा मध्य विद्यालय में बीते वर्ष से ही विवाद चलता आ रहा है, लेकिन निदान ढाक के तीन पात वाली बात बन कर रह गई है। प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी 16 अक्टूबर 2020 पत्रांक 454 में स्थापना डीपीओ को अवगत कराएं थी प्रधानाध्यापिका की मनमानी से शिक्षक परेशान है।

वहीं इसके पूर्व पत्रांक 313 दिनांक 7 जुलाई 2020 को भी विभाग को इस विद्यालय से संबंधित समस्याओं से अवगत कराया गया। वहीं डीपीओ स्थापना ने विद्यालय प्रधान पर कार्रवाई करने से संबंधित फाइल भी तैयार किए लेकिन यह फाइल कहां गुम है इसका कोई अता पता नहीं। वहीं उक्त मामला क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक मुंगेर को भी लिखा गया। तदोपरांत क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक मुंगेर ने पत्रांक 85 जनवरी 2021 को पत्र प्रेषित करते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारी को लिखा कि उस विद्यालय की जल्द से जल्द जांच कर दोषी पर कार्रवाई करें।

वहीं बताते चलें कि डीपीओ माध्यमिक राजकमल ने 7 और 8 जनवरी 2021 को 2 दिन विद्यालय पहुंचकर जांच किए, लेकिन रिजल्ट अभी तक जीरो ही साबित हो रहा है। इस संदर्भ में डीपीओ माध्यमिक राजकमल से जब बातचीत की तो उन्होंने बताया कि गलती दोनों पक्ष की है इसलिए कार्रवाई दोनों पक्ष पर होगी। फिलहाल उक्त मामला जिला शिक्षा पदाधिकारी के अधीन है, उनकी अध्यक्षता में दोनों पक्ष की सुनवाई होनी है। तदोपरांत कार्रवाई करने की संभावना है।

अब सवाल यह उठता है कि क्या जांच एक खानापूर्ति बनकर रह गई है या फिर उस विद्यालय का निदान निकलेगा। वहीं बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के सचिव और महासचिव ने भी जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र इस संदर्भ में दिया था जिस पर जिला शिक्षा पदाधिकारी ने कहा था कि उक्त विद्यालय का मामला मेरे संज्ञान में है इस पर जल्द से जल्द कार्रवाई होगी। वहीं विद्यालय प्रधान माला कुमारी से ज़्यादातर शिक्षक परेशान दिख रहे हैं। जहां प्रधानाध्यापिका माला कुमारी शिक्षक पर आरोप लगाते हैं तो वहीं शिक्षक प्रधान पर आरोप लगा रहे हैं।

यह दिगर सत्य है कि प्रधानाध्यापिका के द्वारा आने जाने वाले शिक्षकों एवं अन्य आगंतुक की भी अपने मोबाइल के माध्यम से वीडियो बनाती हैं और धमकाने की भी कोशिश करती हैं फिलहाल जो भी मामला हो, लेकिन यह मामला पेचीदा बनता जा रहा है। वहीं प्राथमिक शिक्षक संघ में इस बात को लेकर घोर निराशा है कि क्या जांच, जांच बनकर ही रह जाएगी या फिर इस पर कार्रवाई भी होगी ।