पटना

बेगूसराय: संवेदक द्वारा अधूरे निर्माण कार्य का खामियाजा भुगत रहे आमजन


खोदावंदपुर (बेगूसराय)(आससे)। संवेदक द्वारा सड़क किनारे नाला निर्माण कार्य अधुरा छोड़ देने के कारण आमजन को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बेगूसराय-रोसड़ा मुख्य पथ एस एच 55 के बगल में खोदावंदपुर प्रखंड क्षेत्र के मेघौल धार्मगाछी चौक से दौलतपुर नवटोलिया तक पक्का नाला बनाया जाना था, लेकिन बीच बीच में नाला का निर्माण नहीं हुआ। जहां भी नाला बनाया गया है, उसे दूसरे नाला से जोड़ा नहीं गया है। जिसके कारण इस पक्का नाला में पानी जमा है और जलनिकासी नहीं हो रहा है। जिसके चलते बगल के मुहल्ले में जलजमाव हो गया है।

मिली जानकारी के अनुसार दौलतपुर पंचायत में एसएच 55 के बायीं ओर नवटोलिया टोला स्थित राम विलास दास के घर से अशोक शर्मा की दुकान तक तथा दायीं ओर राजेन्द्र दास के घर से गौतम सहनी के दुकान तक, दौलतपुर टीभीएस एजेंसी के समीप से बाड़ा गांव के महेन्द्र शर्मा के घर तक, बाड़ा गांव के वार्ड पांच निवासी कुशेश्वर महतो के घर से पंचायत भवन तक, बरियारपुर पश्चिमी पंचायत के वार्ड एक निवासी भोला गुप्ता के दुकान से किसान चौक स्थित तीन बटिया तक, मुख्य सड़क के दायीं ओर मिडिल स्कूल बरियारपुर पश्चिमी के निकट से तारा गांव के माधो दास के घर तक एवं सत्तो साह के घर से तारा गांव के राजेंद्र महतो के घर तक तथा बायीं ओर बरियारपुर पश्चिमी गांव के मानकी महतो घर के निकट से तारा चौक होते हुए राजद नेता रामबालक महतो के घर तक एक दशक पूर्व पीडब्ल्यूडी से पक्का नाला बनवाया गया था।

इसके अलावे खोदावंदपुर पोखर के समीप से गांव जानेवाली तीन बटिया तक एवं बायीं ओर रामप्रवेश चौधारी के दुकान के समीप से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खोदावंदपुर के निकट तक तथा मेघौल हाईस्कूल चौक से शिव शंकर यादव के घर तक पथ निर्माण विभाग द्वारा वर्षों पूर्व पक्का नाला निर्माण किया गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि नाला निर्माण के समय से आजतक नाला की साफ़-सफ़ाई नहीं किया गया है। जिसके कारण नाला में पानी जमा हुआ है। पानी नहीं निकलने से इस पथ किनारे टोलों मुहल्लों में लोगों के दरवाजे, घर व आंगन में भी पानी घुस गया है।

लोगों को घर से निकलना भी मुश्किल हो गया है। कार्य के प्राक्कलन में निर्माण के समय से पांच वर्षों तक मुख्य पथ की देखरेख एवं नाला की साफ़ सफ़ाई की भी योजना शामिल थी, परंतु संवेदक द्वारा सड़क पर तो ध्यान दिया गया। लेकिन नाला की साफ़-सफ़ाई नहीं करवायी गयी और न ही इस नाला का लिंक एक दूसरे से जोड़ा गया। जलजमाव का मुख्य कारण यही है।