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गांधीकी दृष्टिमें पर्यावरण संरक्षण
Posted on Author ARUN MALVIYA
Post Views: 460 डा. धनंजय सहाय महात्मा गांधीने जिन समस्याओंसे हमें अवगत कराया था उनपर स्वतन्त्र भारतमें सत्तानशीं होनेवाली सरकारोंने ईमानदारीसे अमल नहीं किया। यही कारण है कि स्वच्छता जैसे मसलेपर आजादीके लगभग सात दशकों बाद मोदी सरकारको अभियान चलाना पड़ा। पर्यावरण प्रदूषण मुद्दा अत्यन्त गम्भीर है। इसपर गांधीजीके विचार अत्यन्त प्रासंगिक हैं। इस बातमें […]
देशका दूरगामी हित स्थायी
Posted on Author ARUN MALVIYA
Post Views: 386 अवधेश कुमार परिस्थितियां चाहे जितनी विकट हो निर्णय हमेशा वर्तमानके साथ भविष्यका ध्यान रखते हुए लिया जाना चाहिए। घनघोर संकटों और विकट परिस्थितियोंमें आम आदमी अपना धैर्य खो देते हैं और दबावोंमें देश ऐसे फैसले करता है जो वर्तमानके साथ भविष्यमें भी उनके लिए दूसरे संकट और बड़ी चुनौतियोंका कारण बनता है। […]
मनोरंजनकी आड़में विकृतिको जन्म
Posted on Author ARUN MALVIYA
Post Views: 482 डा. श्रीनाथ सहाय अबतक तो केवल इण्टरनेटके जरिये फैले पोर्नोग्राफीके कारोबारको लेकर ही चिन्ता व्यक्त की जाती थी किन्तु अब ओटीटी रूपी इस माध्यमने डरावनी स्थित उत्पन्न कर दी है। एक समय था जब भारतमें मां-बाप बच्चोंको सिनेमा देखनेतकसे रोकते थे। लेकिन पहले टेलीविजन और उसके बाद इण्टरनेटके उदयने मनोरंजनको सर्वसुलभ कर […]