Post Views: 317 डा. सुशील कुमार सिंह देशमें १ जुलाई २०१७ को एक नया आर्थिक कानून वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू हुआ था। जीएसटी लागू होनेसे पहले ही केन्द्र और राज्य सरकारोंके बीच आपसमें इस बातपर सहमतिका प्रयास किया गया था कि इसके माध्यमसे प्राप्त राजस्वमें केन्द्र और राज्योंके बीच राजस्वका बंटवारा किस तरह […]
Post Views: 359 राजेश माहेश्वरी संसदमें पेगासस मामलेको लेकर गतिरोधके हालात बने हुए हैं। भारी शोरशराबे और हंगामेके चलते संसदकी कार्यवाही बार-बार बाधित हो रही है। इन हालातोंमें संसदका बहुमूल्य समय तो नष्टï हो ही रहा है, वहीं देशके आम आदमीसे जुड़े अन्य महत्वपूर्ण मुद्दोंको भी विपक्ष द्वारा नजरअंदाज किया जा रहा है। कोरोना कालमें […]
Post Views: 374 डा. श्रीनाथ सहाय देशके संविधानमें अनुच्छेदका दुरुपयोग राजनीतिक अस्त्रके रूपमें किया जाता है। बीते सप्ताह सुप्रीम कोर्टके दो फैसलोंमें सरकारोंके कामकाजकी आलोचना या टिप्पणी करनेके मीडियाके अधिकार रक्षाका स्वर मुखर हुआ। अदालतका मानना था कि तबतक मीडियाकर्मियोंकी राजद्रोहके प्रावधानोंसे रक्षा की जानी चाहिए जबतक कि किसीका हिंसाको उकसाने या सार्वजनिक अव्यवस्था पैदा […]