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महाराजा सुहेलदेव स्मारक की पीएम नरेंद्र मोदी ने रखी नींव, कहा- आने वाली पीढ़ियों को करेगा प्रेरित


लखनऊ। महाराजा सुहेलदेव की जयंती के अवसर पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बहराइच जिले में महाराजा सुहेलदेव स्मारक और चित्तौरा झील की विकास योजना का शिलान्यास किया। वहीं, महाराजा सुहेलदेव स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय का लोकार्पण वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया। इस दौरान पीएम मोदी ने लोगों को डिजिटल माध्यम से संबोधित भी किया। पीएम ने कहा, ‘महाराजा सुहेलदेव देश के उन वीरों में रहे हैं, जिन्होंने मां भारती के सम्मान के लिए संघर्ष किया।’

इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, यह बसंत भारत के लिए नई उम्मीदों और नए उत्साह के साथ आया है, जो महामारी की निराशा को पीछे छोड़ते हुए आगे बढ़ रहा है। पीएम ने कहा कि महाराजा सुहेलदेव का ये आधुनिक और भव्य स्मारक, ऐतिहासिक चित्तौरा झील का विकास, बहराइच पर महाराजा सुहेलदेव के आशीर्वाद को बढ़ाएगा और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगा। कहा कि भारत का इतिहास वो नहीं है जो देश को गुलाम बनाने वालों और गुलामी की मानसिकता के साथ लिखने वालों ने लिखा, भारत का इतिहास वो भी है जो देश के सामान्य जन ने लिखा है।

पीएम मोदी ने कहा कि यह दुर्भाग्य है कि भारत की रक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित करने वालों को उनका उचित स्थान नहीं दिया गया, जिनके वो हकदार थे। इतिहास लिखने वालों ने आज के भारत को सही किया है। पीएम ने कहा कि आज जब भारत स्वतंत्रता के 75 वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है, ऐसे महान व्यक्तियों (महाराजा सुहेलदेव) के योगदान, उनके बलिदान, संघर्ष, वीरता और शहादत को याद करने और उनसे प्रेरणा लेने का इससे बड़ा अवसर कोई नहीं हो सकता।

इस दौरान पीएम मोदी कृषि कानूनों को लेकर एक बार फिर किसानों को समझाने की कोशिश की। पीएम ने कहा कि तीनों नए कृषि कानूनों के जरिए छोटे किसानों को लाभ होगा, साथ ही जगह-जगह से किसानों को लाभ होने भी लगा है। कृषि कानूनों को लेकर कई तरह का प्रचार किया गया, जिन्होंने विदेशी कंपनियों के रास्ते खोले वो देशी कंपनियों को डरा रहे हैं। अब किसान ही इनकी पोल खोलने में लगे हैं। यूपी सरकार ने गन्ना किसानों, चीनी मिलें से जुड़ी समस्याओं को दूर किया है।

भारत के अनेक सेनानियों का नहीं मिल सका मान

पीएम ने इस दौरान बोलते हुए कहा कि देश की पांच सौ से ज्यादा रियासतों को एक करने का कठिन कार्य करने वाले सरदार पटेल जी के साथ क्या किया गया, इसे देश का बच्चा भी भली-भांति जानता है। आज दुनिया की सबसे बड़ी प्रतिमा स्टेच्यू ऑफ यूनिटी सरदार पटेल की है, जो हमें प्रेरणा दे रही है। भारत के अनेक ऐसे सेनानी हैं, जिनके योगदान को अनेक वजहों से मान नहीं दिया गया। चौरी-चौरा के वीरों के साथ जो हुआ, वो क्या हम भूल सकते हैं। महाराजा सुहेलदेव और भारतीयता की रक्षा के लिए उनके प्रयासों के साथ भी यही प्रयास किया गया।