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मिजोरम में सरकारी कर्मचारी काट रहे मौज, बिना ड्यूटी पर जाए उठा रहे मोटी पगार; चौंका देगी ये रिपोर्ट


आईजोल। मिजोरम के सरकारी विभाग में लगभग 3,365 कर्मचारियों ने अपने स्थान पर दूसरे लोगों को काम पर रखा है, जो विभिन्न विभागों में काम करते हैं। खासकर ग्रामीण इलाकों में, उनके स्थान पर अवैध रूप से कर्मचारी काम कर रहे हैं। विभिन्न विभागों द्वारा सरकार को सौंपी ई पोर्ट में इन अनियमितताओं का खुलासा हुआ है ।

 

पिछले साल दिसंबर में सत्ता संभालने के तुरंत बाद, मुख्यमंत्री लालदूहोमा के नेतृत्व वाली जोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) सरकार ने प्रॉक्सी कर्मचारियों के बारे में जानकारी मांगी और उन्हें जनवरी तक रिपोर्ट करने को कहा।

शिक्षा विभाग में सबसे अधिक प्रॉक्सी

अधिकारियों ने कहा कि विसंगतियों के बारे में अब तक प्राप्त जानकारी के अनुसार, स्कूल शिक्षा विभाग में सबसे अधिक 1,115 स्थानापन्न कर्मचारी हैं, इसके बाद स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग में 624 और बिजली विभाग में 253 प्रॉक्सी हैं।

कर्मचारियों ने दिए बेतुके कारण

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, जिन लोगों ने स्थानापन्न कर्मचारियों को काम पर रखा था, उनमें से 2,070 सरकारी कर्मचारियों ने बताया कि उन्हें स्वास्थ्य कारणों से ऐसा करना पड़ा, जबकि 703 ने घरेलू समस्याओं का हवाला दिया। प्रॉक्सी को काम पर रखने के लिए कर्मचारियों द्वारा उद्धृत अन्य कारणों में आवासीय क्वार्टरों की अनुपस्थिति, उन गांवों की दुर्गमता, जहां उन्हें तैनात किया गया था और भाषा की समस्याएं शामिल थीं।

राज्यभर में लगभग 50 हजार कर्मचारी

लालदूहोमा ने हाल ही में कहा था कि राज्य कैबिनेट सरकारी कर्मचारियों द्वारा स्थानापन्न लोगों को काम पर रखने के मामलों पर विचार करेगी और अंतिम निर्णय लेगी। मिजोरम में लगभग 50,000 राज्य सरकार के कर्मचारी हैं।