Post Views: 928 डा. भरत झुनझुनवाला आगामी वर्षके बजटमें वित्तमंत्रीने एक महत्वपूर्ण घोषणा यह की है कि दो सार्वजनिक बैंकोंका निजीकरण किया जायगा। अबतक सरकारकी नीति सरकारी कम्पनियोंके आंशिक शेयरोंको बेचनेकी रही है। इस प्रकारके विनिवेशसे कम्पनियोंपर नियन्त्रण एवं उनके प्रबंधनकी जिम्मेदारी सरकारी अधिकारियोंकी ही रहती है। इसके विपरीत निजीकरणमें सरकारी इकाईके कंट्रोलिंग शेयर किसी […]
Post Views: 1,080 आर.के. सिन्हा प्रखर महिला एक्टिविस्ट करीमा बलोच पाकिस्तान सरकार, सेना और आईएसआईकी आंखोंकी किरकिरी बन चुकी थीं। वह पाकिस्तान सरकारकी काली करतूतोंकी कहानी लगातार दुनियाको बता रही थीं। इसीलिए उसे आईएसआईने हत्या करवा दी। बलोचके कत्लने साफ कर दिया है कि कनाडा एक अराजक मुल्कके रूपमें आगे बढ़ रहा है। वहांपर खालिस्तानी […]
Post Views: 1,066 ओशो उस परम सत्ता, उस ब्रह्मïको उस अविनाशीको ऋषिने ज्ञान कहा है। लेकिन जिस ज्ञानको हम जानते हैं, उस ज्ञानसे उसका कोई भी संबंध नहीं है। हम सदा किसी वस्तुके संबंधमें ज्ञानको उपलब्ध होते हैं, अकेला ज्ञान कभी नहीं होता। वृक्ष, मनुष्य, राहपर पड़े पत्थर, आकाशके सूर्यको जानते हैं, लेकिन जब भी […]