पटना

मुजफ्फरपुर: जिलाधिकारी ने राज्य के पहले पालक परिवार को सौंपा बच्चा


यह अनोखी पहल है जिसमें बच्चे को परिवार मिलता है और परिवार को एक बच्चा : प्रणव 

मुजफ्फरपुर। जिला बाल संरक्षण इकाई, मुजफ्फरपुर के तत्वाधान में जिलाधिकारी, मुजफ्फरपुर श्री प्रणव कुमार  द्वारा बाल गृह, मुजफ्फरपुर में रह रहे एक बालक को फोस्टर केयर में पालक अभिभावको को सौंपा गया। इस मौके पर श्री उदय कुमार झा, सहायक निदेशक, जिला बाल संरक्षण इकाई, मुजफ्फरपुर, श्री कमल सिंह, सूचना एवं जन संपर्क पदाधिकारी, मुजफ्फरपुर, अध्यक्ष /सदस्यगण, बाल कल्याण समिति, मुजफ्फरपुर, श्री चन्द्रदीप कुमार, बाल संरक्षण पदाधिकारी, मुजफ्फरपुर एवं  सुश्री वसुंधरा ओम प्रेम, प्रबंध निदेशक, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन अल्टरनेटिव केयर मौजुद थी।

इस मौके पर जिलाधिकारी, मुजफ्फरपुर ने कहा- कि यह एक अनूठी और नेक पहल है। इससे बच्चे को एक परिवार मिलता है और परिवार को बच्चा।एक बच्चा जो इस  दुनिया से अनजान है, उसे एक परिवार की जरूरत होती है। माता-पिता के मार्गदर्शन में बच्चा बढ़ता है और देश के विकास में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बच्चे हमारा भविष्य है और हमें उनका पूरा ध्यान रखने की जरूरत है।

किशोर न्याय (बालकों के देखरेख और संरक्षण) अधिनियम, 2015 की धारा 44 में पालक देखरेख फोस्टर केयर में वर्णित है कि बालक के सर्वागीण विकास के लिए अगर जैविक माता-पिता या दत्तक माता-पिता नहीं मिलते है तो फोस्टर केयर (पालन पोषण देखभाल योजना) में भेजा जा सकता है।

श्री उदय कुमार झा, सहायक निदेशक, जिला बाल संरक्षण इकाई ने कहा कि- मुजफ्फरपुर बिहार का पहला जिला बना है जहाँ फोस्टर केयर में फोरमल प्लेसमेंट किया गया है। फोस्टर केयर के तहत ऐसे बच्चों को परिवार से जोड़ा जाता है जिनके माता-पिता नहीं होते है या माता-पिता बच्चे की देखभाल के लिए सक्षम नहीं होते। बिहार में फोस्टर केयर को समाज कल्याण विभाग, युनिसेफ एवं सेंटर आफ एक्सीलेंस इन अल्टरनेटिव केयर के सहयोग से लागू कर रही है।

कहा किआज जिस बच्चे को उसके पालक परिवार को सौंपा जा रहा है, वह 12 फरवरी, 2020 को मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन पर रेलवे चाईल्ड लाईन को मिला था। कई प्रयासों के बाद भी जिला बाल संरक्षण इकाई को उसके माता-पिता नहीं मिले और वह बाल कल्याण समिति, मुजफ्फरपुर के आदेशानुसार बाल देखभाल संस्थान मे रह रहा था। लेकिन अब पास के गाँव के ही एक निःसंतान दंपति ने इस बच्चे की देखभाल की जिम्मेदारी ली है जो बहुत ही सराहनीय है।

बाल कल्याण समिति, मुजफ्फरपुर द्वारा कहा गया कि बालक के सर्वोत्तम हित को ध्यान में रखते हुए तीन महिने के लिए चयनित  फोस्टर परिवार राजेश प्रसाद, पत्नी कांति देवी, ग्राम-तुर्की खरारू, थाना-मीनापुर, जिला-मुजफ्फरपुर को दिया जाता है। पालक परिवार स्वास्थ्य परीक्षण एवं police verification कराया गया। जिला बाल संरक्षण इकाई, मुजफ्फरपुर द्वारा बालक का नियमित Follow up कराया जायेगा।

पालक परिवार को बालक की देखरेख करने में अभाव पाया जाता है तो वहाँ बालक पालक परिवार से हटाया जा सकता है। बालक का विकास पालक परिवार में हो रहा है तो पालक परिवार के साथ अवधि विस्तार किया जा सकता है।