पटना

मीठापुर बस स्टैंड के नजदीक वाले दुकानदार अब ढूंढ़ रहे हैं नया आशियाना


पटना (आससे)। मीठापुर स्थित बस स्टैंड के बैरिया शिफ्ट होने से एक तरफ मीठापुर बस स्टैंड के आसपास बीरानी-सी छा गई है, वहीं दूसरी तरफ बैरिया बस स्टैंड के आसपास की रौनक बढ़ती जा रही है। मीठापुर बस स्टैंड के आस पास पिछले साल और इस साल लगे लॉकडाउन के दौरान भी बीरानी छाई हुई रहती थी। होटल एवं दुकानें बंद रहने के बावजूद लोगों का कुछ हद तक आवागमन तब भी जारी रहता था।

लेकिन, बस स्टैंड के बैरिया शिफ्ट होने के बाद शनिवार से वहां पूर्णत: बीरानी छाई हुई है। बिक्री नहीं होने की सूरत में दुकानदार अपने भविष्य को लेकर आशंकित हैं। कुछ दुकानदार बैरिया स्थित नए बस स्टैंड के आसपास दुकान ढूंढऩे में लगे हुए हैं, वहीं कुछ दुकानदार अपना सामान घर ले जा रहे हैं एवं दुकान बंद कर रहे हैं। ऐसे दुकानदारों का कहना है कि जब ग्राहक ही नहीं आ रहे है, तो सामानों के मालिक किराया घटाने को तैयार नहीं हैं। ऐसे में दुकान चलाना जोखिम भरा काम है।

ऐसे ही एक दुकानदार हैं पप्पू कुमार। जिनकी रेडीमेड गारमेंट्ïस की दुकान है। जहानाबाद के उटा स्टेशन के पास रहने वाले पप्पू कुमार मीठापुर बस स्टैंड के पास ही रामकृष्ण नगर में किराए के मकान में रहते है। वे पिछले १२-१३ सालों से मीठापुर बस स्टैंड के पास दुकान कर रहे हैं। शुरू में दुकान किराया ३००० रुपये प्रतिमाह देना पड़ता था। लेकिन, अब अधिक किराया देना पड़ रहा है। पिछले साल के लॉकडाउन एवं इस वर्ष लगे लॉकडाउन में दुकान बंद रहने के कारण काफी नुकसान उठाना पड़ा।

पप्पू कुमार ने बताया कि वे दुकान के लिए मॉल दिल्ली, कोलकाता एवं पटना सिटी से मंगाया करते थे। लेकिन, पिछले कुछ महीने से बस स्टैंड के बैरिया शिफ्ट होने की खबर के कारण दुकान के लिए नया माल आर्डर करने से बच रहे थे। अब ग्राहकों की संख्या नगण्य हो गई है। शनिवार को दिनभर में वह सिर्फ तीन रूमाल एवं दो तौलिया ही बेच पाए। उन्होंने कहा कि ऐसे में यहा दुकान खोलकर रहने का क्या लाभ है। उससे परिवार का भरण-पोषण करना क्या संभव हो सकता है। पप्पू कुमार दो बेटों का पिता है। पत्नी बेटों सहित जहानाबाद स्थित गांव में ही उसके बुढ़े मां-पिताजी के पास रहती है।

गया जिले के बेला थानान्तर्गत बंसी बिगहा के मूल निवासी कुन्दन कुमार की मीठापुर बस स्टैंड गेट नम्बर-२ के पास बिग्रहपुर रोड में मोबाइल की दुकान है, जिसका ३३०० रुपये प्रतिमाह किराया उसे देना पड़ता है। कुन्दन कुमार बिग्रहपुर गांव के पास ही मकान किराए पर लेकर पत्नी एवं एक छोटे बेटे के साथ रहता है। वह बिक्री नहीं होने की वजह से अब यहां से दुकान बंदकर बेरिया स्थित नए बस स्टैंड के पास दुकान खोलना चाहता है।

लेकिन वहां के दुकान मालिकों द्वारा मांगे जा रहे पगड़ी के तौर पर बड़ी रकम को लेकर वह चिंतित है। उसका कहना है कि लॉकडाउन के कारण पहले ही माली हालात ठीक नहीं है, दुकान की बिक्री खत्म हो जाने से अब परिवार चलाने का टेंशन अलग से है। मीठापुर बस स्टैंड स्थित सभी दुकानदारों की स्थिति पप्पू कुमार एवं कुन्दन कुमार जैसी ही हो गई है।