पटना

मुजफ्फरपुर: बाढ़ पूर्व निजात और बचाव की तैयारियों में कोताही बर्दाश्त नहीं की जायेगी : मुकेश


जिले के प्रभारी मंत्री ने की समीक्षा, तैयारियों का लिया जायजा, जन प्रतिनिधियो ने दिये सुझाव  

मुजफ्फरपुर। बाढ़ पूर्व तैयारियों के मद्देनजर एक  से सात जून तक बाढ़ सुरक्षा सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। इस क्रम में जिले के प्रभारी मंत्री मुकेश सहनी द्वारा शुक्रवार को बाढ़ पूर्व तैयारियों की समीक्षा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा की गई। साथ ही  कोरोना की स्थिति एवं एईएस को लेकर की जा रही तैयारी पर अधतन जानकारी भी प्राप्त की गई।  बैठक में जिले के  जनप्रतिनिधियों के साथ जिलाधिकारी, समाहर्ता आपदा, सहायक समाहर्ता तथा जिला स्तरीय अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे

जिलाधिकारी मुजफ्फरपुर के द्वारा बैठक में उपस्थित सभी जनप्रतिनिधियों का स्वागत किया गया। बैठक की शुरुआत करते हुए जिलाधिकारी ने बताया कि  वर्ष-2020 में आई बाढ़ से जिले के 15 प्रखंडों के 287 पंचायत (198 पूर्ण रूप से, 89 आंशिक रूप से) की कुल 2266565 की जनसंख्या प्रभावित हुई थी। उस समय जिला प्रशासन द्वारा किए गए कार्य, वितरित किए गए कुल जी आर की राशि, संचालित समुदाय किचेन, वितरित पॉलिथीन सीट, कुल संचालित राहत शिविर, मोटर बोट, नाव  तथा अन्य विस्तृत विवरण देने के साथ वर्तमान वर्ष में संभावित बाढ़ रुपी आपदा को लेकर की गई तैयारियों से वाकिफ कराया।

कहा की संभावित बाढ़ को देखते हुए प्रशासनिक स्तर पर सारी तैयारियां मुकम्मल कर ली गई हैं। सभी विभाग आपसी समन्वय के साथ अपने दायित्वों का निर्वाहन कर रहे हैं। जिलाधिकारी द्वारा जिले में कोरोना की अद्यतन स्थिति और उस पर नियंत्रण को लेकर किए गए प्रयास, एईएस/चमकी बुखार की अद्यतन स्थिति एवं उस पर प्रभावी नियंत्रण के मद्देनजर जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा की जा रही गतिविधियों की विस्तृत जानकारी साझा की गई।

वहीं अपर समाहर्ता आपदा ने तटबन्धों की मरम्मती एवं सुरक्षा, संसाधनों का मानचित्रण यथा-  79 सरकारी नाव, 345 चिन्हित निजी नाव, दस इनफ्लैटेबल मोटर बोट, 6098 पॉलिथीन सीट्स, 65 टेंट, एक  इनफ्लैटेबल लाइट सिस्टम,एक महाजाल,65 लाइफ जैकेट आदि की उपलब्धता सुनिश्चित करने की बात कही। उन्होंने बताया कि कुल 170 शरण स्थलों को चिन्हित किया गया है। 168 संभावित बाढ़ संकटग्रस्त क्षेत्रों की को सूचीबद्ध किया गया है। साथ में संकटग्रस्त व्यक्ति समूह सूची /जीआर को अधतन करने का कार्य तीव्र गति से किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि मेडिकल टीम का गठन, आवश्यक दवाओं की उपलब्धता, बांधों की मरम्मती, सुलिस गेट की स्थिति, गोताखोरों, नाविकों तथा अन्य कर्मियों के प्रशिक्षण की जानकारी भी उनके द्वारा मुहैया कराई गई। शुद्ध पेयजल की व्यवस्था,पशु चारा एवं पशु दवा की उपलब्धता के साथ आकस्मिक फसल योजना  की भी जानकारी दी गई।

बैठक में उपस्थित जनप्रतिनिधियों द्वारा बारी-बारी से इस संबंध में उनके महत्वपूर्ण सुझाव आमंत्रित किये गए एवं उक्त आलोक में उस पर अनिवार्य रूप से अमल करने की बात कही गई। जन प्रतिनिधियों द्वारा सड़कों की मरम्मती, चिन्हित स्थलों पर बांधों की मरम्मती कराए जाने एवं स्थानीय गोताखोरों को प्रशिक्षण देने की बात प्रमुखता से उठाई गई। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक अधिकारी और तकनीकी विभागों के पदाधिकारी संयुक्त रुप से संबंधित संवेदनशील स्थलों का निरीक्षण कर उक्त आलोक में आवश्यक करवाई करना सुनिश्चित करें ताकि बाढ़ के समय लोगों को कठिनाइयों से रूबरू नहीं होना पड़े।

 

प्रभारी मंत्री ने कहा कि बाढ़ रुपी आपदा पर प्रभावी नियंत्रण एवं बाढ़ के समय फ्लड फाइटिंग कार्यो को जिला प्रशासन पूरी तत्परता और संजीदा के साथ कार्य करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि आपदाओं के नियंत्रण के मद्देनजर सामुदायिक प्रयास अपने आप में मायने रखता है। निर्देश दिया कि सभी विभाग आपसी समन्वय के साथ कार्य करते हुए बाढ़ पूर्व तैयारियों एवं बाढ़ के समय तथा बाढ़ के पश्चात किए जाने वाले कार्यों को पूरी गंभीरता से करना सुनिश्चित करेंगे। कहा कि आपदा के समय में कार्य में कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसे गंभीरता से लिया जाएगा।

बैठक में सांसद मुजफ्फरपुर अजय निषाद, सांसद वैशाली श्रीमती वीणा देवी, विधान पार्षद  दिनेश प्रसाद सिंह, नगर विधायक विजेंद्र चौधरी, गायघाट विधायक निरंजन राय, कुढ़नी विधायक डॉ अनिल सहनी, कांटी विधायक इस्राएल मंसूरी, सकरा विधायक अशोक चौधरी एवं  विधायक बोचहां मुसाफिर पासवान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े हुए थे। वही अन्य तकनीकी विभागों के कार्यपालक अभियंता, अनुमंडल पदाधिकारी पूर्वी कुंदन कुमार, प्रभारी पदाधिकारी आपदा प्रबंधन विकास कुमार, कंसल्टेंट/डीएम प्रोफेशनल आपदा प्रबंधन मुजफ्फरपुर मो॰ साकिब, डीपीआरओ कमल सिंह उपस्थित थे।