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मुफ्त टीकाकरण पर UGC ने कहा-‘सभी यूनिवर्सिटी-कॉलेज लगाएं पीएम मोदी को ‘थैंक्यू’ कहने वाले बैनर’,


विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (University Grants Commission-UGC) ने सभी विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और तकनीकी संस्थानों को 18 साल से ऊपर के लोगों के लिए मुफ्त टीकाकरण शुरू करने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को धन्यवाद देने वाले बैनर लगाने कहा है. इसके लिए UGC ने विश्वविद्यालयों के साथ हिंदी और अंग्रेजी में होर्डिंग/बैनर डिजाइन भी शेयर किए हैं. ये डिजाइन सूचना और प्रसारण मंत्रालय की तरफ से उपलब्ध कराए गए हैं. एक डिजाइन में, सरकार के मुफ्त टीकाकरण अभियान के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद दिया जा रहा है.

ऐसा ही एक बैनर यूजीसी की वेबसाइट पर पहले ही अपलोड किया जा चुका है, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर के साथ लिखा है, “सभी के लिए टीके, सभी के लिए मुफ्त”. मालूम हो कि भारत 21 जून से कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के खिलाफ टीकाकरण अभियान (Covid Vaccination) के एक अहम चरण में प्रवेश कर चुका है. इस महीने की शुरुआत में प्रधानमंत्री मोदी की तरफ से घोषित नए दिशानिर्देशों के तहत 18 साल से ज्यादा उम्र वर्ग के सभी लोग कोरोना की वैक्सीन मुफ्त में लगवा सकते हैं.

“कृपया इन होर्डिंगों/बैनरों को अपने संस्थानों में लगाएं”

UGC के सचिव रजनीश जैन की तरफ से 20 जून को अलग-अलग विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को भेजे गए एक संदेश में लिखा है कि भारत सरकार 21 जून से 18 साल से ऊपर के सभी लोगों के लिए फ्री वैक्सीनेशन अभियान शुरू कर रही है. इसे लेकर विश्वविद्यालयों और कॉलेजों से अनुरोध है कि कृपया इन होर्डिंगों/बैनरों को अपने संस्थानों में लगाएं.” रजनीश जैन ने संस्थानों से अपने सोशल मीडिया पेज पर भी बैनर लगाने को कहा है. संदेश में कहा गया है, “हिन्दी और अंग्रेजी में होर्डिंग और बैनर की मंजूर डिजाइन, जैसा कि सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने उपब्लध कराया है, आपकी सुविधा के लिए संलग्न कर दिए गए हैं.”

“छात्रों-शिक्षकों को आंदोलन में शामिल होने के लिए करें प्रोत्साहित”

दिल्ली विश्वविद्यालय, हैदराबाद विश्वविद्यालय, भोपाल स्थित एलएनसीटी विश्वविद्यालय, बेनेट यूनिवर्सिटी ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम में नॉर्थ कैप यूनिवर्सिटी सहित अन्य ने बैनर अपने सोशल मीडिया पेज पर ‘थैंक्यू मोदीजी’ हैशटैग के साथ शेयर किया है. इसी के साथ, सभी कुलपतियों और प्राचार्यों से अनुरोध किया गया है कि ‘खुद को, अपने परिवार, समुदायों और देश की सुरक्षा के लिए’ वे 18 से 30 साल की उम्र के बीच के अपने छात्रों और शिक्षकों को आंदोलन में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करें.