मैट्रिक की परीक्षा के पहले ही दिन नकलचियों पर गाज
(आज शिक्षा प्रतिनिधि)
पटना। राज्य में मैट्रिक की परीक्षा के पहले ही दिन बुधवार को नकल के जुर्म 82 परीक्षार्थी निष्कासित हुए। इसके साथ ही दूसरे के बदले परीक्षा देते 15 फर्जी परीक्षार्थी गिरफ्तार किये गये। नकलचियों के खिलाफ नकल विरोधी कानून यानी बिहार परीक्षा संचालन अधिनियम, 1981 के तहत काररवाई की जा रही है। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को जिलों से मिली रिपोर्ट के मुताबिक नकल के जुर्मा में सर्वाधिक 21 परीक्षार्थी भोजपुर से परीक्षा से निष्कासित किये गये हैं।
इसी प्रकार दूसरे के बदले परीक्षा देते गिरफ्तार किये गये 15 फर्जी परीक्षार्थियों में सर्वाधिक पांच सुपौल में पकड़े गये। मधेपुरा में चार तथा भोजपुर, गया एवं जहानाबाद में दूसरे के बदले परीक्षा देते दो-दो फर्जी परीक्षार्थी गिरफ्तार हुए। नकलची परीक्षार्थियों के परीक्षा से निष्कासन के मामले में दूसरे स्थान पर मुंगेर रहा। मुंगेर से 20 नकलची परीक्षार्थी निकसित हुए हैं।
रोहतास एवं वैशाली से सात-सात, सारण से छह, नालंदा से पांच, मधेपुरा से चार एवं समस्तीपुर से तीन नकलची परीक्षार्थी परीक्षा से निष्कासित किये गये हैं। पटना, बक्सर, गया, सिवान, मधुबनी, सहरसा, सुपौल, भागलपुर एवं बेगूसराय से नकल के जुर्म में एक-एक परीक्षार्थी के परीक्षा से निष्कासन की खबर है।
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को जिलों से मिली रिपोर्ट के मुताबिक राज्य भर में मैट्रिक की परीक्षा पूरी तरह से स्वच्छ एवं कदाचारमुक्त माहौल में शुरू हुई है। कहीं से भी किसी प्रकार की अप्रिय घटना की खबर नहीं है। पटना जिले के परीक्षा केंद्रों पर भी परीक्षा शांतिपूर्ण माहौल चल रही है।
बिहार बोर्ड ने दी परीक्षार्थियों को बड़ी राहत
राज्य में कोरोनाकाल में मैट्रिक की परीक्षा दे रहे तकरीबन 16 लाख 84 हजार परीक्षार्थी छात्र-छात्राओं को बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने बड़ी राहत दी है। इस वर्ष विद्यार्थियों के हित में समिति द्वारा सभी विषयों में प्रश्नपत्रों का हल करने के लिए ऑब्जेक्टिव एवं सब्जेक्टिव दोनों में 100 प्रतिशत अतिरिक्त प्रश्नों के विकल्प दिये गये हैं। उदाहरणस्वरूप 100 अंक के विषय में विद्यार्थी को 50 अंक का ऑब्जेक्टिव प्रश्न करना पड़ता है, जिसमें प्रत्येक प्रश्न एक अंक का होता है।
अर्थात संबंधित विषय में इस वर्ष विद्यार्थी से 50 ऑब्जेक्टिव प्रश्नों का हल करने के लिए 100 ऑब्जेक्टिव प्रश्न पूछे जा रहे हैं, जिनमें से विद्यार्थी को किन्हीं 50 प्रश्नों का उत्तर देने हैं। इसी प्रकार दो और पांच अंकों के सब्जेक्टिव प्रश्नों में भी विद्यार्थी को 100 प्रतिशत अतिरिक्त प्रश्नों का विकल्प दिये गये हैं।
आपको बता दूं कि सभी विषयों में 100 प्रतिशत अतिरिक्त प्रश्नों के विकल्प होंगे, लेकिन ऑब्जेक्टिव प्रश्नों में प्रथम 50 प्रतिशत प्रश्नों के उत्तर के आधार पर ही मार्किंग की जायेगी। इसी प्रकार सब्जेक्टिव प्रश्नों में भी मार्किंग उतने ही प्रश्नों के उत्तर की, की जायेगी, जितने प्रश्नों का उत्तर परीक्षार्थियों को देने के लिए प्रश्नपत्र में निर्देश होगा।
अर्थात यदि परीक्षार्थी को दो अंकों के पांच प्रश्नों तथा पांच अंकों के चार प्रश्नों के उत्तर देने हैं और यदि परीक्षार्थी ने उससे ज्यादा प्रश्नों का हल कर लिया है, तो भी संबंधित परीक्षार्थी को मार्किंग उसके द्वारा हल किये गये दो अंकों के लिए प्रथम पांच प्रश्न तथा पांच अंकों के लिए प्रथम चार प्रश्नों के आधार पर ही की जायेगी।