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मॉनसून सत्र: पेगासस और कृषि कानून की मांगों को लेकर विपक्षों का प्रदर्शन जारी


  1. मॉनसून सत्र के दौरान विपक्ष द्वारा किए गए विरोध और हंगामे के बीच दो सप्ताह से चल रही मॉनसून सत्र (Monsoon season) के दूसरे सप्ताह की प्रोडक्टिविटी पहले सप्ताह के दौरान 13.70 प्रतिशत गिरी है. दरअसल लगातार हो रहे विरोधों के बीच पहले मॉनसून सत्र के पहले सप्ताह में प्रोडक्टिविटी 32.20 प्रतिशत थी वहीं दूसरे सप्ताह घटकर 21.60 प्रतिशत पर पहुंच गई.

अबतक चले कुल 50 घंटो के सत्र के दौरान 39 घंटे 52 मिनट व्यवधानों के कारण नष्ट हो गए हैं. हालांकि इस बार के सदन की बैठक निर्धारित समय से 1 घंटा 52 मिनट ज्यादा हुई. लेकिन बैठक का समय बढ़ने के बाद भी इन दो सप्ताह में प्रोडक्टिविटी काफी कम रही.

अब तक की 10 बैठकों के दौरान, राज्यसभा में केवल दो घंटे आठ मिनट का प्रश्नकाल हो सका है, जो मुख्य रूप से संसद के प्रति कार्यपालिका की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए है काफी है. विधायी कार्य में एक घंटा चौबीस मिनट का उपयोग पांच विधेयकों को पारित करने में किया गया, जिसमें सात सदस्यों ने अपने विचार रखे. शून्यकाल का एक मिनट और अन्य चार मिनट का विशेष उल्लेख था.

पहले सप्ताह के दौरान कोरोना पर बातचीत

सूत्रों की माने तो पहले सप्ताह के दौरान 4.37 घंटे तक केवल COVID ​​​​-19 से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की गई. आईटी मंत्री ने पहले सप्ताह के दौरान पेगासस स्पाइवेयर मुद्दे पर एक बयान दिया. पहली बार, राज्यसभा सचिवालय ने दैनिक बुलेटिनों में रिपोर्टिंग शुरू कर दी है. वहीं अब तक पांच विधेयक पारित किए जा चुके हैं. जिसमें नौवहन के लिए समुद्री सहायता विधेयक, 2021; किशोर न्याय संशोधन विधेयक, 2021; फैक्टरिंग विनियमन (संशोधन) विधेयक, 2021 और नारियल विकास बोर्ड (संशोधन) विधेयक, 2021 और ‘अंतर्देशीय पोत विधेयक, 2021’ शामिल है.