TOP STORIES राष्ट्रीय

यूपी सहित तीन राज्योंको छोड़ पूरे देशमें आज चक्का जाम


नयी दिल्ली (आससे.)। गाजीपुर बॉर्डर आज किसानों ने दिल्ली पुलिस की ओर से लगायी गयी कीलों के जवाब में गांधीगिरी का रास्ता अपनाया। किसानों ने सड़क पर कीलों की जगह फूलों के पौधे लगाये। राकेश टिकैत ने कहा कि पुलिस हमारी राह में कांटे बो रही है और हमने फूल बोने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि हम किसान शांति के पुजारी हैं। कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने किसानों द्वारा 6 फरवरी को आयोजित किसान संगठनों के राष्ट्रीय चक्का जाम को समर्थन देने का फैसला किया है। इस बीच भारतीय किसान यूनियन ने कहा है कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के किसान शनिवार को सड़क पर जाम नहीं लगाएंगे, बल्कि शांतिपूर्वक जिला मुख्यालय और तहसील मुख्यालय पर ज्ञापन देंगे। कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने किसानों के चक्का जाम को सफल बनाने के आज यहां हरियाणा के पार्टी नेताओं के साथ एक बैठक की। बैठक के बाद हुड्डा ने कहा कि हमने किसानों के आंदोलन को समर्थन देने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी का निर्णय है कि नये कृषि कानून वापस होने चाहिये। कांग्रेस किसानों के साथ है। वहीं, भारतीय किसान यूनियन ने यूपी और उत्तराखंड में चक्का जाम नहीं करने की घोषणा की है। इन दोनों राज्यों में जाम की कॉल वापस लेने पर एक सवाल के जबाब में किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि यूपी और उत्तराखंड के किसानों को स्टैंड बाई में रखने का फैसला लिया गया है। इस दौरान यूपी गेट (गाजीपुर बार्डर) पर टिकैत के साथ संयुक्त मोर्चा के सदस्य और किसान नेता बलवीर सिंह राजेवाल भी मौजूद थे। राजेवाल ने कहा कि विशेष कारणों से यूपी और उत्तराखंड  के लिए शनिवार के चक्का जाम कार्यक्रम में थोड़ा बदलाव किया गया है। टिकैत ने कहा कि चक्का जाम की कॉल वापस नहीं  ली गई, बल्कि कार्यक्रम में मामूली सा फेरबदल किया गया है। यूपी और उत्तराखंड के किसान अपने तहसील और जिला मुख्यालय पर जाकर अधिकारियों को ज्ञापन देंगे। ज्ञापन में तीनों नये कृषि कानूनों को वापस लेने और एमएसपी पर कानून की मांग की जाएगी। किसानों से यह कार्यक्रम शांतिपूर्वक करने की अपील की गई है। टिकैत ने कहा कि आंदोलन को बैकअप देने के लिए यूपी और उत्तराखंड के एक लाख किसानों को बैकअप में रखा गया। इस बीच गाजीपुर बॉर्डर आज किसानों ने दिल्ली पुलिस की ओर से लगायी गयी कीलों के जवाब में गांधीगिरी का रास्ता अपनाया। किसानों ने कीलों के जवाब में फूलों के पौधे लगाये। राकेश टिकैत ने कहा कि पुलिस हमारी राह में कांटे बो रही है और हमने फूल बोने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि हम किसान शांति के पुजारी हैं।